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शाहिद लतीफ पठानकोट हमले का मास्टर माइंड,मौत का सिलसिला जारी

पाकिस्तान में बैठे ऐसे आतंकी जोकि हिंदुस्तान में मोस्ट वांटेड हैं, उनकी मृत्यु का सिलसिला जारी है हम आपको बता दें कि ताजा समाचार है कि पठानकोट हमले के आरोपी शाहिद लतीफ की पाक के सियालकोट में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर मर्डर कर दी है इससे पहले भी हाल ही में कई ऐसे खूँखार आतंकियों की पाक में अज्ञात हमलावरों ने मर्डर की जिन्होंने हिंदुस्तान में कई आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया था या वह सीमा पार बैठकर हिंदुस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम कर रहे थे

जहां तक शाहिद लतीफ का मुद्दा है इस बारे में हम आपको बता दें कि यह वही आतंकी है जिसे पाक के साथ संबंध सुधारने के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन गवर्नमेंट ने रिहा किया था हम आपको याद दिला दें कि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली यूपीए गवर्नमेंट ने अपने कार्यकाल में जो सद्भावना मिशन प्रारम्भ किया था उसके अनुसार वर्ष 2010 में पाक के साथ संबंध सुधारने के लिए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शाहिद लतीफ को रिहा किया गया था मगर सद्भावना के बदले में पाक ने एक बार फिर विश्वासघात दिया था और शाहिद लतीफ ने पठानकोट हमले की रणनीति बनाकर उसे अंजाम दिलवाया था शाहिद लतीफ पठानकोट हमले का मास्टर माइंड था और राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानि एनआईए की मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शामिल था

हम आपको याद दिला दें कि शाहिद लतीफ आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद के उन 25 आतंकियों में से एक था जिन्हें मनमोहन सिंह की गवर्नमेंट के कार्यकाल में सद्भावना के अनुसार रिहा किया गया था रिपोर्टों के अनुसार, कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली तत्कालीन मनमोहन सिंह गवर्नमेंट ने पाक के साथ रिश्तों में सुधार लाने के लिए 28 मई 2010 को जम्मू, श्रीनगर, आगरा, वाराणसी, नैनी और तिहाड़ कारावास से 25 आतंकियों को रिहा करवा कर उन्हें वाघा सीमा के रास्ते पाक भेज दिया था

हम आपको यह भी बता दें कि लगभग 11 वर्ष तक हिंदुस्तान की कारावास में बंद रहे शाहिद लतीफ को छुड़वाने के लिए पाक की ओर से तब भी कोशिश किया गया था जब दिसंबर 1999 में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने भारतीय एयरलाइंस के विमान का किडनैपिंग कर लिया था उस समय अटल बिहारी वाजपेयी गवर्नमेंट ने विमान यात्रियों की जान बचाने के लिए जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर और उसके दो साथी आतंकियों को तो रिहा कर दिया था मगर शाहिद लतीफ तथा अन्य 31 आतंकियों को रिहा करने से मना कर दिया था रिपोर्टें बताती हैं कि शाहिद लतीफ वैसे उस समय भी जैश-ए-मोहम्मद संगठन का मुख्य हैंडलर था इसलिए वाजपेयी गवर्नमेंट को संभावना थी कि उसे छुड़ाने के लिए आतंकी कोई और बड़ी घटना कर सकते हैं इसलिए 1999 के विमान किडनैपिंग काण्ड और 2001 में संसद भवन पर हुए हमले के बाद उसे जम्मू और कश्मीर की कारावास से निकाल कर वाराणसी सेंट्रल कारावास में भेज दिया गया था

रिपोर्टों के अनुसार शाहिद लतीफ पाक के गुंजरावाला के अमीनाबाद कस्बे के मोर गांव का रहने वाला है वह आतंकी मसूद अजहर का काफी करीबी माना जाता था मसूद अजहर ने उसे हिंदुस्तान में जैश की गतिविधियों का प्रमुख बनाया हुआ था पठानकोट हमले के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने शाहिद लतीफ की पहचान उन चार प्रमुख आतंकियों के साथ की थी जिन्होंने इस हमले को करवाने में जरूरी किरदार निभाई थी कहा जाता है कि शाहिद लतीफ ने सियालकोट में बैठे-बैठे ही पठानकोट हमले को अंजाम दिलवा दिया था हम आपको यह भी बता दें कि शाहिद लतीफ को नवंबर 1994 में Prevention of Unlawful (Activities) Act (UAPA) के अनुसार अरैस्ट किया गया था लेकिन उसे जब 2010 में रिहा किया गया तो उसने पाक जाकर आतंकी पैदा करने की फैक्ट्री ही खोल दी थी लेकिन अब यह नया हिंदुस्तान है जो बार-बार यह संदेश दे रहा है कि हमें छेड़ोगे तो हम छोड़ेंगे नहीं

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