पाकिस्तान की नापाक साजिश, इन टावरों में किया गया नई तकनीक का इस्तेमाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 फरवरी को जम्मू कश्मीर दौरे के दौरान 32 हजार करोड़ की 220 परियोजनाओं को जम्मू कश्मीर के लोगों को समर्पित की। उन्होंने इस मौके पर अनुच्छेद 370 के हट जाने के बाद जम्मू कश्मीर में हुए विकास-कार्यों का ब्योरा भी दिया। लेकिन जम्मू कश्मीर के विकास से पड़ोसी देश पाक निराश है और एक नयी नापाक षड्यंत्र रच रहा है।
सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी मिली है कि पाक PoK में टेलीकॉम टावर्स की संख्या बड़ा रहा है। इसके लिए पाकिस्तानी सेना द्वारा एक स्पेशल टेलीकम्युनिकेशन ऑर्गेनाइजेशन (STO) का गठन किया है। इसका नेतृत्व पाक सेना के अधिकारी मेजर जनरल उमर अहमद शाह कर रहे हैं। शाह आईएसआई के जासूस भी रह चुके हैं।
जानकारी के अनुसार इन टावरों को आंतकवादियों की घुसपैठ में बढ़ोतरी के मकसद से बढ़ाया जा रहा है। दरअसल इनमें YSMS तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है जिनकी सहायता से इनको स्मार्ट टेलीफोन और रेडियो सेट से कनेक्ट किया जा सकता है। इससे पाक के आतंकवादी जम्मू कश्मीर में छुप कर बैठे आतंकियों से बात कर सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन
बता दें कि इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (ITU) के अनुसार यदि किसी भी राष्ट्र को टेलीकॉम टावर्स लगाने है, तो उसका सिग्नल एक सीमा तक ही बढ़ाया जा सकता है लेकिन पाक की तरफ से लगातार अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया गया है।
सुरक्षा एजेंसियां हुईं सतर्क
बता दें कि इससे पहले 2019 और 2020 में भी पाक ने इस तरह की कोशिशें की थी जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने असफल कर दिया था। इस मसले की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने बॉर्डर पर जैमर्स और एंटी इंफिल्टिरेशन ग्रिड को बड़ा दिया है।
पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और आतंकवादी संगठनों की हर नापाक साजिशों पर पानी फेरने के लिए राजौरी पूंछ समेत पूरे जम्मू कश्मीर में तेज़ी से आतंक विरोधी अभियान चलाए जा रहे हैं। इसी का नतीजा है की पाक की हाल में कि गई हर षड्यंत्र को सुरक्षा बलों ने असफल किया है।