अंतर्राष्ट्रीय

ईरान ने एक साथ 3 उपग्रहों का किया प्रक्षेपण

 ईरान ने बीते 15 दिनों में दूसरी बार एक साथ 3 उपग्रहों का प्रक्षेपण कर दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराया है ईरान के लगातार उपग्रह प्रक्षेपण की पश्चिमी राष्ट्रों ने आलोचना की है ईरान ने रविवार को बोला कि उसने अंतरिक्ष में तीन उपग्रहों को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया है वहीं, पश्चिमी राष्ट्रों ने ईरान के इस हालिया कार्यक्रम की निंदा की और संभावना जताई कि इससे ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों में और बढ़ोत्तरी होगा सरकारी समाचार एजेंसी ‘इरना’ ने बोला कि प्रक्षेपण में ईरान के सिमोर्ग रॉकेट का सफल इस्तेमाल भी देखा गया, जो इससे पहले कई बार विफल रहा था मगर इस बार पूरी तरह सफल रहा अभी एक सप्ताह पहले भी ईरान ने एक उपग्रह का प्रक्षेपण किया था

ईरान का यह प्रक्षेपण ऐसे समय हुआ है जब पश्चिम एशिया में गाजा पट्टी में हमास पर इजरायल का युद्ध लगातार जारी रहने के कारण तनाव बढ़ गया है ईरान ने इस संघर्ष में सेना हस्तक्षेप नहीं किया है, लेकिन इस महीने की आरंभ में इस्लामिक स्टेट के आत्मघाती बम विस्फोट और यमन के हूती उपद्रवियों जैसे छद्म संगठनों द्वारा युद्ध से जुड़े हमलों के बाद कार्रवाई को लेकर उसे अपने धर्मगुरुओं के दबाव का सामना करना पड़ा ईरान के सरकारी टेलीविजन द्वारा जारी किए गए फुटेज में रात के दौरान सिमोर्ग रॉकेट का प्रक्षेपण दिख रहा है

ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल बनाने का खतरा

‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) ने फुटेज के विवरण का विश्लेषण किया जिससे पता चलता है कि प्रक्षेपण ईरान के ग्रामीण सेमनान प्रांत में इमाम ‘खुमैनी स्पेसपोर्ट’ पर किया गया था सरकारी टीवी ने प्रक्षेपित उपग्रहों का नाम महदा, केहान-2 और हत्फ-1 बताया सरकारी टेलीविजन के अनुसार, महदा एक अनुसंधान उपग्रह है, जबकि केहान और हत्फ क्रमशः अंतरराष्ट्रीय स्थिति और संचार पर केंद्रित नैनो उपग्रह हैं अमेरिका ने पहले बोला था कि ईरान के उपग्रह प्रक्षेपण संयुक्त देश सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव की अवहेलना करते हैं और उससे परमाणु हथियार पहुंचाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों से जुड़ी कोई गतिविधि नहीं करने को बोला गया है

ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से संबंधित संयुक्त देश के प्रतिबंध पिछले अक्टूबर में खत्म हो गए थे अमेरिकी खुफिया समुदाय के 2023 के विश्वव्यापी खतरे के आकलन में बोला गया है कि उपग्रह प्रक्षेपण यानों के विकास से ईरान कम समय में अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल विकसित करने में सक्षम हो जाएगा, क्योंकि इसमें समान तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है

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