अंतर्राष्ट्रीय

11 दिन तक सांसे थामकर चीन देख रहा था भारत की ताकत का दम

भारत (India), आस्ट्रेलिया (Australia), जापान (Japan) और अमेरिका (America) की नौसेनाओं (Navy) की भागीदारी वाला 11 दिवसीय मालाबार नौसेना अभ्यास सफलतापूर्वक संपन्न हो गया इस ड्रिल से जुड़े सेना ऑफिसरों ने कहा कि आस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर हुए अभ्यास के 27वें सत्र में हवा, सतह और समुद्र के अंदर जटिल अभ्यास देखने को मिला इसी दौरान दुनिया ने ‘क्वाड’ की ताकत यानी भारतीय नौसेना (Indian Navy), रॉयल आस्ट्रेलियन नेवी, जापान मेरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स और अमेरिकी नौसेना के सर्वशक्तिमान युद्ध पोतों, पनडुब्बी और सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमानों का दम देखा इस आयोजन से चीन (China) को तगड़ा झटका लगा है, क्योंकि वह इसे अपने विरुद्ध प्रारम्भ की गई मुहिम मानता है

इन युद्धपोतों ने दिखाया दम

मालाबार युद्धाभ्यास में हिंदुस्तान का अगुवाई स्वदेश निर्मित विनाशकारी आईएनएस कोलकाता, फ्रिगेट INS सह्याद्रि और P8I समुद्री गश्ती विमान ने किया इसके अतिरिक्त RAN जहाज HMAS चॉल्स और HMAS ब्रिस्बेन, USS राफेल पेराल्टा, JS शिरानुई के साथ चारों राष्ट्रों की पनडुब्बियां, लड़ाकू विमान, समुद्री टोही विमान और शिपबोर्न हेलीकॉप्टर भी शामिल थे भारतीय नौसेना ने अपने बयान में कहा, ‘मालाबार के समुद्री चरण अभ्यास में हवा, सतह और समुद्र के अंदर जटिल और अधिक गहन अभ्यास देखने को मिला

चीन मानता है खतरा

मालाबार अभ्यास वर्ष 1992 में पहली बार हिंदुस्तान और अमेरिका ने किया था  इसके बाद  2015 में जापान और 2020 में ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं ने भी इस अभ्यास में भाग लेना प्रारम्भ किया मालाबार अभ्यास में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान की साझेदारी को चीन अपने लिए खतरे के तौर पर देखता है चीन का इल्जाम है कि ये अभ्यास उसे टारगेट करके किया जाता है हाल ही में कुछ ऐसी रिपोर्ट्स आई थीं कि चीन ने हिंदुस्तान और उसके पक्के दोस्तों की ताकत से डरकर अपने कई लोअर ऑर्बिट सैटेलाइट्स को मालाबार अभ्यास की नज़र के लिए तैनात किया था

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