कनाडा ने चीन पर लगाए कई बड़े आरोप
हिंदुस्तान पर आधारहीन इल्जाम लगाने के बाद कनाडा ने चीन पर भी कई बड़े इल्जाम लगाए हैं जिसके बाद दोनों राष्ट्र आमने-सामने हैं। कनाडा का बोलना है कि चीनी साइबर सेंधमार पीएम जस्टिन ट्रूडो और उनके कैबिनेट के साथियों को निशाना बना रहे हैं। वहीं चीन ने कनाडा पर पलटवार करते हुए बोला है कि वह बिना सबूत असत्य बोलने में नंबर 1 है। मंगलवार को चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से आयोजित की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, ट्रूडो गवर्नमेंट का असत्य कहना दोनों राष्ट्रों के संबंध खराब कर सकता है।
डीपफेक वीडियो का आरोप
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने बोला था कि चीन से जुड़े कुछ संगठन कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के बारे में असत्य फैलाने की प्रयास कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त पीएम सहित अन्य कैबिनेट के सदस्यों के डीपफेक वीडियो जारी किए जा रहे हैं। उनका बोलना है कि इसके पीछे चीन के संगठनों का हाथ है। माओ ने ने अपने बयान में बोला कि कनाडा का विदेश मंत्रालय तथ्यों को गलत ढंग से रख रहा है।
चीन ने बोला कि कनाडा द्वारा लगाए गए इल्जाम बेतुके और आधारहीन हैं और चीन इन्हें गंभीरता से नहीं लेता। उन्होंने बोला कि चीन कनाडा के इस रुख की आलोचना करता है और इसका विरोध करता है। माओ ने कहा, कुछ समय से कनाडा लगातार चीन पर गंभीर इल्जाम लगा रहा है लेकिन अब तक कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं कर पाया है। कनाडा लगातार असत्य बोल रहा है। उसका बोलना है कि चीन हॉन्ग कॉन्ग पर धावा कर रहा है। हमें आशा है कि कनाडा आगे से तथ्यों और सच का सम्मान करेगा। यदि ऐसा नहीं होगा तो दोनों राष्ट्रों के संबंध खराब हो जाएंगे।
भारत से क्यों आई खटास
कनाडा और हिंदुस्तान के बीच भी लंबे समय से निज्जर की मर्डर को लेकर हंगामा चल रहा है। कनाडा के पीएम ने हिंदुस्तान को आतंकवादी निज्जर की मर्डर के लिए उत्तरदायी कहा था। हालांकि हिंदुस्तान ने कनाडा केइस बयान को निराधार और बेतुका बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया था। 18 जून को कनाडा के सरे में खालिस्तानी समर्थक आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की कुछ अज्ञात लोगों ने मर्डर कर दी थी।