हमास और इजरायल में चल रहे कत्लेआम के बीच दो भारतीय महिलाओं की हो रही खूब तारीफ
इज़रायल और हमास के बीच लड़ाई आर-पार वाली स्थिति में आ चुकी है। 7 अक्टूबर को इजरायली इलाकों में की गई बमबारी का खामियाजा हमास लगातार भुगत रहा है। हमास के विरुद्ध जवाबी कार्रवाई में इजरायली सेना चुन-चुनकर हमास आतंकवादियों से बदला ले रही है। हमास और इजरायल में चल रहे कत्लेआम के बीच दो भारतीय स्त्रियों की खूब प्रशंसा हो रही है। इन्हें भारतीय सुपरवुमन बोला जा रहा है। इन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर इजरायल के एक बुजुर्ग दंपति की हमास के आतंकवादियों से जान बचाई। दोनों महिलाएं हमास आतंकवादियों से करीब साढ़े चार घंटे तक जूझती रहीं।
गाजा पर नियंत्रण रखने वाले हमास संगठन के उपद्रवियों ने 7 अक्टूबर को इजरायल के कई इलाकों पर पहले रॉकेट से बमवर्षा की। इसके बाद जमीनी हमले में कई इजरायलियों को मृत्यु के घाट उतार दिया था। इजरायली सेना का अनुमान है कि हमास के आतंकवादी कम से कम 250 लोगों को अपने साथ किडनैपिंग कर ले गए। इस जंग में अभी तक हजारों लोग मारे जा चुके है। दोनों खेमों से कम से कम 4700 लोगों के मारे जाने की सूचना है। अकेले गाजा पट्टी में 3000 लोग मारे गए हैं। इसमें ज्यादातर आम नागरिक हैं।
भारत में इजरायली दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में दो केरलवासियों – सबिता और मीरा मोहनन की जमकर प्रशंसा की है। उन्होंने इन दोनों स्त्रियों को “भारतीय सुपरवुमन” के रूप में सराहना की है। पोस्ट में सबिता का वायरल वीडियो भी साझा किया है, जिसमें वह बता रही हैं कि 7 अक्टूबर को क्या हुआ था जब हमास ने इज़रायल पर अचानक धावा कर दिया था।
हमास का आतंक, सबिता की जुबानी
अपने वीडियो संदेश में, सबिता बताती हैं कि कैसे, उस दिन, उन्होंने और मोहनन ने अपनी जान की परवाह किए बिना दरवाज़े के हैंडल को पकड़कर स्वयं को और बुजुर्ग दंपति की रक्षा की, जिनकी वे देखभाल कर रहे थे। सबिता बताती हैं कि उन्हें बचाया और हमलावरों को अंदर घुसने से भी रोका। हमास आतंकवादियों ने दरवाजे के उस पार ताबड़तोड़ गोलीबारी की थी।
सुबह-सुबह हमास ने कहा धावा
सबिता ने कहा, जिस बुजुर्ग दंपत्ति की वे देखभाल कर रहे थे, उनमें से एक स्त्री एएलएस रोग से पीड़ित थी। उस दिन की घटना को याद करते हुए सबिता ने बोला कि सुबह करीब 6.30 बजे उन्होंने सायरन की आवाज सुनी और सुरक्षा कक्ष में भाग गए। इसके बाद, उन्हें दंपति की बेटी का टेलीफोन आया जिसने उन्हें कहा कि क्षेत्र में चीजें नियंत्रण से बाहर हैं। सबिता के मुताबिक, “आतंकवादी सुबह 7.30 बजे के आसपास हमारे घर में घुस आए थे। उन्होंने घर में सब कुछ नष्ट कर दिया। हमें नहीं पता था कि घर में क्या हो रहा है? दोपहर 1 बजे के आसपास, हमने और अधिक गोलीबारी सुनी और घर के मालिक ने बोला कि इजरायली रक्षा बल हमें बचाने के लिए आ गए हैं।”
साढ़े चार घंटे तक हमास आतंकवादियों से जूझती रहीं
पिछले तीन सालों से इज़रायल में काम कर रही सबिता ने कहा, “हमने दंपति की बेटी को वापस बुलाया और पूछा कि क्या करना है और उसने हमें सुरक्षा कक्ष के दरवाज़े के हैंडल को पकड़ने और जाने नहीं देने के लिए कहा।” उन्होंने कहा, दोनों महिलाएं साढ़े चार घंटे से अधिक समय तक दरवाज़े के हैंडल को पकड़े रहीं, क्योंकि हमलावरों ने उन पर धावा बोल दिया था और गोलियां बरसाईं। आतंकवादी दरवाजे के दूसरी तरफ से धमकियां देते जा रहे थे लेकिन उन्होंने हौसला नहीं हारी।