पड़ोसी देश पाकिस्तान पर नकेल कसने के इरादे से अफगानिस्तान जुटा बड़ी तैयारी में…
अपने पड़ोसी राष्ट्र पाक पर नकेल कसने के इरादे से अफगानिस्तान बड़ी तैयारी में जुटा है। दोनों राष्ट्रों के बीच सीमा पर जारी गतिरोध के बीच अब अफगानिस्तान ने पाक की करेंसी पर बैन लगाने की तैयारी प्रारम्भ कर दी है। खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सेंट्रल बैंक ऑफ अफगानिस्तान ने पिछले हफ्ते से राष्ट्र के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में अफगानी मुद्रा को बढ़ावा देना प्रारम्भ कर दिया है। अब जल्द ही पाकिस्तानी मुद्रा (करेंसी) के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की आसार है। अफगानिस्तान की सेंट्रल बैंक ने राष्ट्र के दक्षिण-पश्चिमी प्रांतों के निवासियों को पाकिस्तानी मुद्रा का इस्तेमाल करके अपने वाणिज्यिक लेनदेन बंद करने का निर्देश दिया है। बैंक ने लोगों को एक समय सीमा दी है।
लोगों को अफगानी मुद्रा का इस्तेमाल करके अपने वाणिज्यिक लेनदेन करने के लिए ढाई महीने का समय दिया गया है। बैंक ने लोगों से बोला है कि वे विदेशी मुद्राओं के इस्तेमाल से बचें। रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान गवर्नमेंट ने कंधार, उरुजगन, हेलमंद, जाबुल और डायकुंडी प्रांतों के निवासियों को विशेष रूप से चेतावनी दी है। उनसे सिर्फ़ राष्ट्रीय मुद्रा के माध्यम से व्यापार लेनदेन करने के लिए बोला गया। सेंट्रल बैंक की घोषणा के अनुसार, दी गई तारीख के बाद, अन्य मुद्राओं के साथ सभी लेनदेन गैरकानूनी माने जाएंगे और उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, पाक ने तोरखम क्रॉसिंग को बंद कर दिया है। इसको लेकर अफगानिस्तान में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और लगातार पांचवें दिन भी झड़पें जारी हैं। प्रदर्शनकारियों के अनुसार, फल और सब्जी के मौसम के दौरान पाक नियमित रूप से बहाने बनाकर तोरखम सीमा को बंद कर देता है। रिपोर्ट के अनुसार, लोगों ने अफगान और पाकिस्तानी ऑफिसरों से राजनयिक चैनलों के माध्यम से अपने सियासी मतभेदों को सुलझाने का आग्रह किया।
एक व्यापारी वहीदुल्लाह ने कहा, “जब फलों और सब्जियों का मौसम आता है, तो आप (पाकिस्तान) रास्ता बंद कर देते हैं, समस्याएं पैदा करते हैं। आप हमारी चौकियों पर धावा करते हैं। क्यों?” अफगानिस्तान-पाकिस्तान ज्वाइंट चैंबर ऑफ कॉमर्स ने बोला है कि तोरखम के बंद होने से सीमा के दोनों ओर के व्यापारियों को लगभग 1 मिलियन अमेरिकी $ का हानि हुआ है। सीमा पर एक नयी चौकी के निर्माण के कारण झड़पें प्रारम्भ होने के बाद सीमा को बंद कर दिया गया था। कई रिपोर्टों में दावा किया गया है कि इन झड़पों में तालिबानी लड़ाकों के हाथों कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए।