अंतर्राष्ट्रीय

गाजा में ‘मानवीय युद्ध विराम और गलियारा बनाने’ के लिए एक प्रस्ताव को मिली मंजूरी

World News in Hindi: संयुक्त देश सुरक्षा परिषद ने युद्धग्रस्त गाजा में ‘मानवीय युद्ध विराम और गलियारा बनाने’ के लिए एक प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी मौजूदा इजरायल-फिलिस्तीन संकट पर, सुरक्षा परिषद की ये पांचवीं बैठक थी इस बैठक में प्रस्ताव के समर्थन में 12 वोट पड़े और विरोध में एक भी मत नहीं पड़ा वीटो पावर वाले किसी राष्ट्र ने भी अपना ये अधिकार प्रयोग नहीं किया इसमें इजरायल का सबसे बड़ा समर्थक अमेरिका भी शामिल हैं तीन राष्ट्रों – रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन में, वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया

अमेरिका का यह कदम क्या उसके पुराने रुख में परिवर्तन का संकेत है उल्लेखनीय है कि अक्टूबर के अंत में अमेरिका ने संयुक्त देश सुरक्षा परिषद के एक प्रस्ताव को वीटो कर दिया था, जिसमें गाजा में लाखों ज़रूरतमन्दों तक जीवनरक्षक सहायता पहुंचाने के लिए मानवीय आधार पर ठहराव की बात कही गई थी

क्या है प्रस्ताव पास होने के नियम?
गौरतलब है कि सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्य राष्ट्रों में से किसी एक द्वारा विरोध में मतदान किए जाने (वीटो) से किसी भी क़दम पर कार्रवाई रुक जाती है

सुरक्षा परिषद में निम्न पाँच स्थाई सदस्य राष्ट्र हैं: चीन, फ्रांस, रूसी महासंघ, ब्रिटेन, अमेरिका

प्रस्ताव को पास होने के लिए, समर्थन में नौ मतों की दरकार होती है किसी भी प्रस्ताव पर एक भी वीटो होने पर, वो विफल हो जाता है, भले ही उसे अन्य कितने भी मत समर्थन में मिले हों

क्या कहता है प्रस्ताव?
प्रस्ताव माल्टा द्वारा पेश किया गया इसमें  हमास द्वारा बन्धक बनाकर रखे गए लोगों को तुरंत रिहा किए ए जाने और पूरे गाजा क्षेत्र में मानवीय सहायता और सहायता कर्मियों की बिना रुकावट पहुँच के लिए, मानवीय युद्धविराम और गलियारे बनाए जाने की बात कही गई बता दें सुरक्षा परिषद में इससे पहले पाँच मसौदा प्रस्ताव विफल हो चुके हैं इस प्रस्ताव में यह भी मांग की गई है कि सभी पक्ष, अन्तरराष्ट्रीय कानून विशेष रूप से आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने सम्बन्धी प्रावधानों का पालन करें

इजरायल ने जताया विरोध 
संयुक्त देश में इजरायल के स्थाई उप प्रतिनिधि ब्रैट जोनाथन मिलर ने, चर्चा के अन्त में बोला कि ये प्रस्ताव ‘ज़मीनी वास्तविकता से दूर हैट और जब हमास और अन्य आतंकी संगठनों की बात आती है तो इस प्रस्ताव की बात अनसुनी हो जाती है उन्होंने बोला कि सुरक्षा परिषद, इसराइल में हमास के बर्बर आक्रमण के बाद लगभग दस बार बैठक कर चुकी है, मगर उसने एक बार भी उस हमले की आलोचना नहीं की है, जबकि वो शान्ति और सुरक्षा के लिए विश्व की प्रमुख संस्था है

 

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