अंतर्राष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने इज़राइल को राफा में सैन्य अभियान रोकने का दिया आदेश

संयुक्त देश की शीर्ष न्यायालय ने शुक्रवार को इज़राइल को राफा में सेना अभियान रोकने का आदेश दिया. एक ऐतिहासिक निर्णय से गाजा युद्ध के सात महीने से अधिक समय बाद इज़राइल पर बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ने की आसार है. तरराष्ट्रीय कोर्ट ने बोला कि इजरायल को राफा प्रांत में अपने सेना आक्रमण और किसी भी अन्य कार्रवाई को तुरंत रोकना चाहिए, जो गाजा में फिलिस्तीनी समूह को जीवन की ऐसी स्थिति में पहुंचा सकती है जो उसके पूरे या आंशिक रूप से भौतिक विनाश का कारण बन सकती है. इसने इज़राइल को मानवीय सहायता के “निर्बाध” प्रावधान के लिए गाजा में राफा क्रॉसिंग को खुला रखने का भी आदेश दिया.

आईसीजे के निर्णय कानूनी रूप से बाध्यकारी हैं लेकिन न्यायालय के पास उन्हें लागू करने के लिए कोई ठोस साधन नहीं है. उदाहरण के लिए, उसने रूस को यूक्रेन पर अपना आक्रमण रोकने का आदेश दिया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. इज़राइल ने न्यायालय के समक्ष तर्क दिया था कि सेना गतिविधि को रोकने का आदेश हमास चरमपंथियों को खुली छूट देगा और उसकी सेना को समूह के क्रूर 7 अक्टूबर के हमले में बंधक बनाए गए बंधकों को बचाने से रोक देगा. आईसीजे का यह निर्णय अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक कोर्ट के अभियोजक द्वारा सोमवार को शीर्ष इजरायली और हमास नेताओं के लिए गिरफ्तारी वारंट की मांग करने वाले एक और अत्यधिक आरोपित निर्णय के बाद आया है.

अभियोजक करीम खान ने इल्जाम लगाया कि प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और हमास के शीर्ष ऑफिसरों सहित वरिष्ठ इजरायली नेता, गाजा में युद्ध और 7 अक्टूबर के हमले से संबंधित युद्ध अपराधों और इन्सानियत के विरुद्ध अपराधों के गुनेहगार थे.

 

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