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यूक्रेन ने रूस पर किया बड़ा हमला, मॉस्को को निशाना बनाकर किया ड्रोन हमला 

यूक्रेन ने रूस पर किया बड़ा हमला, मॉस्को को निशाना बनाकर किया ड्रोन हमला इसके चलते मॉस्को में हवाई यातायात रोक दिया गया है हमले से नाराज रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूरे यूरोप में भुखमरी का खतरा बढ़ने के लहजे में नाटो नेताओं को धमकी दी है

रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी 2022 को प्रारम्भ हुआ युद्ध अब भी जारी है आश्चर्य की बात है कि जो पुतिन अब नाटो को चेतावनी दे रहे हैं, यूक्रेन पर युद्ध का कारण नाटो के साथ मतभेद हैं. यूक्रेन द्वारा नाटो में शामिल होने की पेशकश के बाद रूस ने युद्ध बढ़ा दिया. इस युद्ध का असर यूक्रेन की अर्थव्यवस्था और लोगों के जीवन पर भारी पड़ा है

लेकिन उल्लेखनीय है कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के एक वर्ष बाद भी यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं किया गया है हालाँकि, संयुक्त राज्य अमेरिका सहित नाटो राष्ट्रों ने रूस का विरोध किया है और यूक्रेन को हथियार और वित्तीय सहायता प्रदान कर रहे हैं.

इस बीच, रूस का यह संकेत कि वह वैगनर को यूरोप में अनाज निर्यात को बाधित करने के लिए भेज सकता है, को नाटो के लिए एक और खतरे के रूप में देखा जा रहा है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कथित तौर पर मॉस्को  पर यूक्रेन के ड्रोन हमलों से नाराज हैं . ऐसे में खबरें आ रही हैं कि रूस अब यूरोप की अनाज आपूर्ति को बाधित करने के लिए अपनी निजी सेना वैगनर को भेज सकता है.

रूस-यूक्रेन युद्ध अद्यतन

हाल ही में यूक्रेन ने मॉस्को पर धावा किया था, जिसमें अब तक किसी के हताहत होने की समाचार नहीं है यूक्रेनी ड्रोन ने रात भर मास्को पर धावा किया, जिससे दो सरकारी इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं. इस हमले से पहले रूस ने रोमानिया में ड्रोन धावा किया था जिसमें अनाज के गोदामों को निशाना बनाया गया था ऐसे में यदि रूस उन जगहों को निशाना बनाएगा जहां से यूरोप में अनाज भेजा जाता है तो यूरोप में खाद्य संकट बढ़ जाएगा

यूरोप में भुखमरी का ख़तरा

रूस की निजी सेना वैगनर अफ़्रीका समेत कई राष्ट्रों में एक्टिव है ऐसे में यदि यूरोपीय राष्ट्रों के अनाज भंडार नष्ट हो गए तो यूरोप में राशनिंग और अनाज संकट के कारण भुखमरी का खतरा बढ़ सकता है.

काला सागर अनाज समझौता

यूक्रेन पर रूस के हमले से काला सागर क्षेत्र से निर्यात प्रभावित हुआ है, जो अपने उच्च उपज वाले गेहूं और अन्य अनाज के लिए जाना जाता है. रूस-यूक्रेन संघर्ष के  परिणामस्वरूप पूरे विश्व में यूक्रेनी बंदरगाहों से अनाज लदान में रुकावट आई है.

इसके अलावा, रूस ने अपने अनाज निर्यात को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया, जिससे स्थिति और भी खराब हो गई. इसके परिणामस्वरूप अंतरराष्ट्रीय खाद्य कीमतें बढ़ गईं और कम आय वाले राष्ट्रों में अकाल का खतरा पैदा हो गया और यह इल्जाम लगने लगा कि रूस भोजन को हथियार बना रहा है.

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