अंतर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में भी महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ की रहेगी धूम

Maha shirratri in Pakistan: पड़ोस के मुसलमान देश पाक में भी महाशिवरात्रि पर ईश्वर भोलेनाथ की धूम रहेगी ‘जय भोलेनाथ’ के गगनभेदी उद्घोष श्रद्धालु लगाएंगे पाक में मनाए जाने वाले महाशिवरात्रि कार्यक्रम के लिए बड़ी संख्या में हिंदुओं का जत्था हिंदुस्तान से लाहौर पहुंच गया है पाकिस्तन के ऐतिहासिक मंदिर में पर्व के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा

मिली जानकारी के मुताबिक पाक में महाशिवरात्रि कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है इस महाशिवरात्रि कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 62 हिंदू बुधवार को वाघा सीमा के रास्ते हिंदुस्तान से लाहौर पहुंचे इवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने इस संबंध में कहा कि ‘महाशिवरात्रि कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कुल 62 हिंदू तीर्थयात्री बुधवार को हिंदुस्तान से लाहौर पहुंचे

चकवाल में मनाया जाएगा भव्य समारोह

आमिर हाशमी ने बोला कि ‘ईटीपीबी द्वारा आयोजित महाशिवरात्रि का मुख्य कार्यक्रम 9 मार्च को लाहौर शहर से करीब 300 किमी दूर चकवाल में मनाया जाएगा चकवाल में ऐतिहासिक कटास राज मंदिर है, यहां भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा इसमें विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक नेता शामिल होंगे

पाकिस्तान में हिंदुओं का किया गया स्वागत

उन्होंने बोला कि वाघा में धार्मिक स्थलों के अतिरिक्त सचिव राणा शाहिद सलीम ने विश्वनाथ बजाज के नेतृत्व में आए हिंदुओं का स्वागत किया तीर्थयात्री 10 मार्च को लाहौर लौटेंगे और 11 मार्च को वे कृष्ण मंदिर, लाहौर किला और लाहौर के अन्य ऐतिहासिक स्थानों का दौरा करेंगे वे 12 मार्च को हिंदुस्तान लौटेंगे

भारतीय श्रद्धालु हर वर्ष जाते हैं पाकिस्तान

पाकिस्तान और हिंदुस्तान के बीच धार्मिक स्थलों की यात्रा के लिए एक द्विपक्षीय समझौता है, जिसके अनुसार हिंदुस्तान से सिख और हिंदू ​तीर्थयात्री प्रतिवर्ष पाक जाते हैं वहीं दूसरी ओर पाक के तीर्थयात्री भी इसी समझौते के अनुसार हर वर्ष हिंदुस्तान आते हैं पाक के पंजाब प्रांत के सिख समुदाय के लोग स्वर्णमंदिर के दर्शन करते हैं पाक के तीर्थयात्री अजमेर में ख्वाजाजी की दरगाह के दर्शन भी करते हैं

ईटीपीबी करता है मंदिरों का प्रबंधन

इवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) के प्रवक्ता आमिर हाशमी हैं ईटीपीबी एक वैधानिक बोर्ड है, जो विभाजन के बाद हिंदुस्तान आ गए हिंदुओं और सिखों की धार्मिक संपत्तियों और मंदिरों का प्रबंधन करता है

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