अंतर्राष्ट्रीय

खराब होते हालात के बीच ईरान की उम्मीद भी अब भारत पर जाकर टिकी, कहा…

इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है. दोनों राष्ट्र एक दूसरे पर रॉकेट और मिसाइलों से हमले कर रहे हैं. इन सब के बीच अब ईरान हिंदुस्तान की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहा है. ईरानी राजदूत इराज इलाही ने क्षेत्र में और तनाव बढ़ने की पृष्ठभूमि में बोला कि ईरान और इज़राइल के साथ अपने संबंधों के मद्देनजर हिंदुस्तान पश्चिम एशिया में तनाव को दूर करने में सहायता कर सकता है और इजरायल की आक्रामकता को रोकने में एक्टिव किरदार निभा सकता है. ईरान के भीतर इजरायली ड्रोन हमले की खबरों के बीच, इलाही ने मुद्दे को कम करने की प्रयास की और एचटी के साथ एक इंटरव्यू में बोला कि इस्फ़हान और अन्य शहरों में कोई सेना अभियान नहीं था.

इस्फ़हान और तबरेज़ पर इज़रायली हमले को लेकर पूछे गए प्रश्न पर ईरानी राजदूत इराज इलाही ने बोला कि इस्फ़हान और अन्य शहरों में कोई सेना अभियान नहीं हुआ. यह केवल एक मीडिया युद्ध है इजरायली अधिकारी ऐसे शो के जरिए ईरान के हमले की भरपाई करने की प्रयास कर रहे हैं. संयुक्त देश चार्टर के अनुच्छेद 51 के मुताबिक आत्मरक्षा के अंतर्निहित अधिकार के आधार पर और ज़ायोनीवादियों के सशस्त्र हमले के उत्तर में, ढांचे के भीतर और कब्जे वाले फिलिस्तीन में कुछ सेना केंद्रों को लक्षित करने में ईरान के इस्लामी गणराज्य की आनुपातिक सेना कार्रवाई शासन हो गया है.

ज़ायोनी शासन ने अंतर्राष्ट्रीय नियमों और विनियमों के आधार पर प्रतिरक्षा के साथ एक राजनयिक जगह के रूप में इस्लामी गणतंत्र ईरान के दूतावास को निशाना बनाया और सीरिया में वरिष्ठ ईरानी सेना सलाहकारों को शहीद कर दिया. हमले को अंजाम देने से पहले हमने यात्री विमानों की सुरक्षा बनाए रखने के कारण मिसाइलों के रास्ते में आने वाले पड़ोसी राष्ट्रों को सूचित कर दिया था.

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