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काठमांडू में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प में छह लोग हुये घायल

काठमांडू, नेपाल : नेपाल की राजधानी काठमांडू में शनिवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प में कम से कम छह लोग घायल हो गए. काठमांडू पुलिस के अनुसार , राजेंद्र महतो के नेतृत्व वाले नेशनल लिबरेशन मूवमेंट (एनएलएम) के कार्यकर्ताओं ने सिंहदरबार सचिवालय के सामने भद्रकाली क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन करने की प्रयास की, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक दिया.

पुलिस ने बोला कि प्रदर्शनकारियों की मौके पर तैनात पुलिस कर्मियों से झड़प हो गई, जिन्होंने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज किया. झड़प में दो पुलिसकर्मी और एनएलएम के चार कैडर घायल हो गए.

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मधेश-आधारित नेता राजेंद्र महतो के नेतृत्व में एनएलएम कैडरों द्वारा जातीयता के आधार पर राज्यों की मान्यता की मांग को लेकर काठमांडू में एक मार्च आयोजित करने के बाद झड़पें हुईं.

प्रदर्शनकारियों ने प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड को नीचे गिरा दिया और बाद में सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया, जिसके परिणामस्वरूप स्थिति और अधिक बिगड़ गई.

“सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान घटना स्थल से एनएलएम के 12 कैडरों को भी अरैस्ट किया गया. पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने की प्रयास की”, नेपाल पुलिस के प्रवक्ता नबराज अधिकारी ने कहा.

अधिकारी ने समाचार एजेंसी मीडिया को कहा कि इस घटना में प्रदर्शनकारियों और दो पुलिस ऑफिसरों को चोटें आईं, उन्होंने बोला कि घायल पुलिसवालों में से एक की हालत गंभीर है और उसका उपचार काठमांडू के एक न्यूरो हॉस्पिटल में किया जा रहा है.

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार का भी इस्तेमाल किया, जिन्होंने पहले विरोध प्रदर्शन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले खुले मैदान में सामूहिक सभा आयोजित करने की घोषणा की थी. लेकिन भीड़ ने अपना रुख प्रशासनिक राजधानी की ओर कर लिया, जिसे पिछले वर्ष से क्षेत्रीय ऑफिसरों ने प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया है.

विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री राजेंद्र महतो को कोई चोट नहीं आई और झड़प प्रारम्भ होते ही उन्हें मौके से हटा दिया गया.

मधेश के एक वरिष्ठ नेता, महतो ने 26 फरवरी को लोकतांत्रिक सपा (एलएसपी) छोड़ दी और एक नए अभियान, “राष्ट्रीय मुक्ति क्रांति” (राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन) की घोषणा की.

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