अंतर्राष्ट्रीय

कनाडा में भारतीय मूल की डॉक्टर ने सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन और टीकाकरण के खिलाफ की बात

साल 2020 को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा, जब कोविड-19 महामारी के कारण पूरी दुनिया थम गई थी. हररफ लाशें ही लाशें थीं दुनिया में प्रत्येक दिन लाखों लोग मर रहे थे फिर गवर्नमेंट ने वैक्सीन से कोविड-19 से बचाव का रास्ता निकाला और लॉकडाउन भी लगा दिया हालांकि भारतीय मूल की चिकित्सक कुलविंदर कौर गिल ने इसका विरोध किया उन्होंने गवर्नमेंट द्वारा लगाए गए लॉकडाउन और टीकाकरण के आदेशों के विरुद्ध बात की. उनके रुख के कारण उन्हें चिकित्सा संस्थानों के मुकदमों और एक्स (ट्विटर) के पूर्व प्रबंधन द्वारा सेंसरशिप का सामना करना पड़ा.

कोविड के बारे में पोस्ट करने के बाद कानूनी मुसीबत में फंस गए

कनाडा में इम्यूनोलॉजी और बाल बीमारी जानकार डाक्टर कोविड के बारे में पोस्ट करने के बाद गिल कानूनी मुसीबत में फंस गए हैं. कानूनी लड़ाई के लिए उन्हें 300,000 कनाडाई $ (1,83,75,078 रुपये) की आवश्यकता है. इसे जुटाने में उन्हें परेशानी आ रही है हालांकि इस बीच उनके लिए एक अच्छी समाचार आई है उसे एक्स से समर्थन मिला है, जिसने उसके खर्चों को कवर करने का वादा किया है.

एलन मस्क का बयान

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X है डाक्टर गिल के समर्थन में एक बयान जारी किया गया है एक्स ने कहा, ‘गिल ने कोविड लॉकडाउन प्रयासों और सार्वजनिक टीकाकरण जनादेश के विरोध में कनाडा और ओंटारियो की सरकारों के विरुद्ध ट्विटर पर खुलकर बात की. जिसके चलते उन्हें मीडिया द्वारा परेशान किया गया. उसी समय, इसे पूर्व ट्विटर प्रबंधन द्वारा सेंसर कर दिया गया था. इसके अलावा, ओन्टारियो के कॉलेज ऑफ फिजिशियन और सर्जन द्वारा एक जांच और कार्रवाई के हिस्से के रूप में उनके स्थायी सार्वजनिक रिकॉर्ड में सावधानी का एक शब्द जोड़ा गया था.

बयान में बोला गया है, ‘जब एलन मस्क को इस सप्ताह की आरंभ में गिल की कानूनी फीस का भुगतान करने के लिए एक क्राउडफंडिंग अभियान के बारे में पता चला, तो उन्होंने सहायता करने का वादा किया. एक्स अब डॉ है गिल बाकी कानूनी कार्रवाई का वित्तपोषण करेगा ताकि वह फीस और ऑर्डर में $300,000 का भुगतान कर सके.

गिल ने ये पोस्ट किया

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कानूनी कार्रवाई के कारण डाक्टर गिल की जीवनभर की बचत समाप्त हो गई है और वह भारी ऋण में डूब गए हैं. भारतीय मूल के चिकित्सक टीकाकरण के मुखर आलोचक रहे हैं. उन्होंने अगस्त, 2020 में एक पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था, ‘अगर आपको अब तक यह पता नहीं चला है कि हमें टीकों की आवश्यकता नहीं है, तो आप ध्यान नहीं दे रहे हैं. हैशटैग फैक्ट्स नॉट फियर (#FactsNotFear).

उनके इस पोस्ट की मेडिकल जगत से जुड़े लोगों ने निंदा की थी मीडिया में भी कई लोगों ने उनके विरुद्ध तल्ख बयानबाजी की डॉ. गिल ने 23 डॉक्टरों, पत्रकारों और समाचार आउटलेट्स पर केस दाखिल किया. इन लोगों के विरुद्ध मानहानि का केस दाखिल किया गया था हालाँकि, एक न्यायाधीश ने सार्वजनिक भागीदारी के विरुद्ध SLAPP विरोधी कानूनों का हवाला देते हुए मुकदमे को खारिज कर दिया. बोला गया कि डाक्टर गिल का इरादा सार्वजनिक मंच पर अपने आलोचकों की आवाज को दबाना था डॉ. गिल को प्रतिवादियों की कानूनी लागत का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था.

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