पेट की परेशानियों को दूर करने के लिए रोज करें, ये योगाभ्यास रहेंगे हमेशा फिट
Yoga Session With Savita Yadav: अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खान-पान कई बड़ी परेशानियों का कारण बन रहा है। इनमें पेट से जुड़ी परेशानियां सबसे अधिक देखने को मिल रही हैं। इससे निजात दिलाने का दावा करने वाली बेशक कई दवाएं बाजार में मौजूद हों, लेकिन कुछ योग और प्राणायाम आपको जीवनभर इन रोंगों से दूर रख सकते हैं। वहीं, अधिक देर तक एक स्थान बैठकर काम करने वालों को अधिक एहतियात की आवश्यकता है। आज न्यूज़ 18 हिंदी के यूट्यूब लाइव सेशन में योग प्रशिक्षिका सविता यादव ने सूक्ष्म योगाभ्यास के साथ सुखासन, मकरासन, सुप्त वज्रासन और पद्मासन का अभ्यास कराया। इन अभ्यासों की सहायता से आप पेट से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के साथ पीठ दर्द से भी निजात पा सकते हैं। इसके अतिरिक्त बॉडी को मजबूत भी बना सकते हैं।
ऐसे करें योगाभ्यास की शुरुआत
किसी भी योगाभ्यास को प्रारम्भ करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण एक्सरसाइज करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए सबसे पहले पद्मासन या अर्ध पद्मासन में बैठ जाएं अब दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़ते हुए ऊपर की ओर उठाएं और पूरी बॉडी को स्ट्रेच करें। इसके बाद 10 तक गिनती गिनेंगे, जिसके बाद धीरे से हाथों को नीचे ले आएं। इन स्टेप्स को करने के बाद अपनी आंखों को बंद करके ध्यान की मुद्रा में बैठ जाएं। ध्यान रहे कि इस दौरान ओम शब्द का उच्चारण करना होगा। ऐसा करने से आप योग कोई भी योग करने के लिए पूरी तरह तैयार हो चुके होंगे। इन अभ्यास को विस्तार से देखने के लिए आप नीचे दिए गए वीडियो लिंक पर क्लिक करें।
सुप्त वज्रासन:
सुप्त वज्रासन करने के लिए सबसे पहले आप वज्रासन में बैठ जाएं। कोहनियों (Elbows) का सहारा लेते हुए धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकें और कोहनियों को जमीन पर टिका दें। अब कंधों को जमीन पर टिकाते हुए एवं घुटनों को एक साथ रखते हुए पीठ के बल लेट जाएं। हाथों को कैची की तरह बनाते हुए कंधे के नीचे ले जाएं। गहरी सांस लें और गहरी सांस छोड़ें। धीरे-धीरे प्रारंभिक हालत में वापस आएं। आरंभ में इसे 3 से 5 बार तक करें। नियमित सुप्त वज्रासन करने से कब्ज से राहत मिलती है, पेट की मसल्स टोन होती हैं और पेट की समस्याएं ठीक रहती हैं। साथ ही पीठ दर्द ठीक होता और घुटने मजबूत होते हैं।
सुखासन:
सुखासन को ईजी पोज/ डीसेंट पोज या प्लीजेंट पोज भी बोला जाता है। ये शरीर और दिमाग के बीच शांति और स्थिरता की भावना विकसित करता है। ये दिमाग को शांति देता है। इस अभ्यास से थकान, स्ट्रेस, टेंशन, एंग्जाइटी और डिप्रेशन को दूर करने में सहायता मिलती है। इस अभ्यास को करने के लिए हिप्स को ज़मीन पर अच्छी तरह टिका कर बैठ जाएं। अब पैरों को घुटनों के ठीक नीचे रखते हुए पैरों को क्रॉस कर लें। इसके बाद हिप बोंस को नीचे फर्श की ओर दबाएं। हालांकि, स्पाइन को सीधा रखना है। इस दौरान चेहरे, चेहरे और पेट को आराम दें। नाक से गहरी सांस लें। छाती की बजाय पेट से सांस लें।
मकरासन:
मकरासन करने के लिए पेट के बाल लेट जाएं। सिर और कंधों को ऊपर उठाएं और ठोड़ी को हथेलियों पर और कोहनियों को ज़मीन पर टिका लें। रीढ़ की हड्डी में अधिक मोड़ लाने के लिए कोहनियों को एक साथ रखें (ध्यान रहे ऐसा करने में दर्द ना हो)। गर्दन पर अतिरिक्त दबाव हो तो कोहनियों को थोड़ा अलग करें। यदि कोहनियां ज़्यादा आगे होंगी तो गर्दन पर अधिक दबाव पड़ेगा, शरीर के करीब होंगी तो पीठ पर अधिक दबाव पड़ेगा। पूरे शरीर को हल्का छोड़ दें और आंखें बंद कर लें। इससे पेट ठीक होगा।
पद्मासन:
पद्मासन में ऐसी स्थिति में बैठना है जैसे कमल का फूल। यदि आप कभी अशांत और बेचैन महसूस कर रहे हों तो पद्मासन का अभ्यास करें। इस अभ्यास को करने के लिए योग मैट पर सीधे बैठ जाएं। रीढ़ की हड्डी सीधी रखें और टांगों को फैलाकर रखें। फिर धीरे से दाएं घुटने को मोड़कर बायीं जांघ पर रखें। एड़ी पेट के निचले हिस्से को छूनी चाहिए। अब ऐसा ही दूसरी पैर के साथ भी करते हुए पेट तक लेकर आएं। दोनों पैरों के क्रॉस होने के बाद अपने हाथों को मनपसंद मुद्रा में रखें। सिर और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। हालांकि, बीच-बीच में लंबी और गहरी सांसें लेते रहें। अब सिर को धीरे से नीचे की तरफ ले जाएं। ठोड़ी को गले से छूने की प्रयास करें। बाद में इसी आसन को दूसरे पैर को ऊपर रखकर अभ्यास करें।