स्वास्थ्य

कब्ज से राहत पाने के लिए अपने आहार में मिट्टी के तवे पर बनी रोटी को करें शामिल

नई दिल्ली:  आयुर्वेद में भी मिट्टी के बर्तनों को वरदान माना जाता है, पेट की गंभीर रोंगों को ठीक करता है. समय के साथ-साथ हमारी आदतों में भी कई परिवर्तन आए हैं. अब यहाँ देखो. पहले लोग मिट्टी के तवे पर रोटी सेंकते थे लेकिन धीरे-धीरे स्टील, एल्युमीनियम, लोहे और अब नॉन-स्टिक तवे का इस्तेमाल होने लगा है. समय बचाने के लिए धातु के बर्तन लाभ वाला हो सकते हैं लेकिन याद रखें कि ये आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं. बेहतर होगा कि आप मिट्टी के तवे पर रोटी सेंकना प्रारम्भ करें, रोंगों से बचने का यह सबसे अच्छा तरीका है.

आयुर्वेद के मुताबिक मिट्टी के बर्तनों में बना खाना खाने से कई रोंगों से बचाव रहता है. मिट्टी के बर्तनों से बना भोजन न सिर्फ़ टेस्टी होता है बल्कि 100 फीसदी पौष्टिक भी होता है. इन बर्तनों में खाना पकाने से इसके पोषक तत्व नष्ट नहीं होते हैं. इसके अतिरिक्त मिट्टी के तवे पर बनी रोटी न केवल पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है बल्कि आपको कई रोंगों से भी बचाती है. तो आइए जानते हैं मिट्टी के बर्तन में बनी रोटी खाने के अन्य फायदे. सिर्फ रोटी या रोटी ही नहीं, मिट्टी के बर्तन में आप जो भी पकाते हैं, वह टेस्टी लगता है. इसके साथ ही यह स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छा होता है.

कब्ज से राहत-
आजकल लोगों में अधिक बाहर का खाना कब्ज का कारण बन गया है. इस स्थिति से राहत पाने के लिए अपने आहार में मिट्टी के तवे पर बनी रोटी को शामिल करें.

गैस की परेशानी से छुटकारा-
लंबे समय तक एक ही स्थान बैठकर काम करने के कारण कई लोगों को गैस की परेशानी का सामना करना पड़ता है. अगर आप भी इस परेशानी से जूझ रहे हैं तो रोटी को लोहे या नॉन स्टिक तवे की बजाय मिट्टी के तवे पर पकाएं. आपको जल्द ही पेट की गैस की परेशानी से राहत मिलेगी.

बवासीर से राहत दिलाता है-
बवासीर के कारण कई प्रकार के भोजन पर प्रतिबंध लग जाता है. मिट्टी के तवे पर बनी रोटी खाने से बवासीर में जल्द आराम मिलेगा.

बीमारियों को दूर करती है-
मिट्टी के तवे पर बनी रोटी मिट्टी के पोषक तत्वों से भरपूर होती है और रोटी की पौष्टिकता भी कई गुना बढ़ जाती है. इसमें उपस्थित प्रोटीन रोंगों से बचाने में भी सहायता करता है.

मिट्टी का तवा अन्य तवे से अलग क्यों है?
विशेषज्ञों के अनुसार, मिट्टी के तवे पर रोटी पकाने से रोटी के पोषक तत्व नष्ट नहीं होते हैं. एल्युमीनियम की कड़ाही में रोटी बनाते समय 87 प्रतिशत, पीतल की कड़ाही में 7 फीसदी और कांसे की कड़ाही में 3 फीसदी पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं. मिट्टी के बर्तनों में बने भोजन में ही 100 फीसदी पोषक तत्व उपस्थित होते हैं.

इन बातों का रखें ध्यान-
1) रोटी को कभी भी मिट्टी के तवे पर तेज आंच पर न सेंकें, ऐसा करने से तवा फट भी सकता है.
2) इस तवी को इस्तेमाल करने से पहले इसमें पानी लगा लेना चाहिए.
3) इस्तेमाल के बाद पैन को कमरे के तापमान पर आने दें और इसे कुछ देर के लिए पानी में भिगो दें.
4) मिट्टी के बर्तनों को कभी भी साबुन से न धोएं, ऐसा करने से साबुन सोख लेगा.
5) मिट्टी के तवे को साफ करने के लिए साफ कपड़े का इस्तेमाल करें.

बदलती जीवनशैली में व्यस्तता इतनी बढ़ गई है कि किसी के पास धीरे-धीरे रोटी बनाने का भी समय नहीं है. लेकिन अपनी स्वास्थ्य के लिए आपको सप्ताह में एक बार मिट्टी के तवे पर बनी रोटी खानी चाहिए. इससे न सिर्फ़ आपका बल्कि पूरे परिवार का स्वास्थ्य बेहतर रहेगा.

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