स्वास्थ्य

Report : कैंसर की चपेट में युवा भारत, 18 से 25 साल के आयु वर्ग में पाया गया सबसे ज्यादा डिप्रेशन

हेल्थ ऑफ द नेशन रिपोर्ट
अस्पताल समूह की चौथी ‘हेल्थ ऑफ द नेशन’ रिपोर्ट में कैंसर (Cancer) के बढ़ते मामलों की चिंताजनक तस्वीर सामने आई है. रिपोर्ट बताती है कि हिंदुस्तान में न केवल अधिक लोग कैंसर (Cancer) से पीड़ित हो रहे हैं बल्कि कम उम्र के लोगों में भी ये रोग तेजी से फैल रही है. ग्लोबल जनसंख्या की तुलना में हिंदुस्तान में बहुत कम उम्र के लोग कैंसर (Cancer) जैसी रोग के साथ साथ हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure) , डायबिटीज (Diabetes) और डिप्रेशन जैसी रोंगों से भी जूझ रहे हैं.

 Depression is highest in the age group of 18 to 25 years

रिपोर्ट में एक चौंकाने वाला रुझान सामने आया है, जिसके मुताबिक 18 से 25 वर्ष के उम्र वर्ग में सबसे अधिक डिप्रेशन पाया गया. हर पांच में से एक आदमी डिप्रेशन से ग्रस्त होने की बात सामने आई है.

अपोलो की वाइस चेयरपर्सन चिकित्सक प्रीता रेड्डी का बोलना है कि रोग होने के बाद उपचार कराने से अच्छा है कि रोग को रोका जाए. उन्होंने बोला “हम नहीं चाहते कि आप स्ट्रोक या कैंसर का उपचार कराने या फिर किसी बड़े ऑपरेशन के लिए हमारे पास आएं. हमारा मकसद है कि आप रोंगों को रोकने को अहमियत दें.

नियमित अंतराल पर चिकित्सक से राय जरुरी It is important to consult a doctor at regular intervals
उन्होंने कंपनी के निवारक स्वास्थ्य पर नवीनतम फोकस के बारे में बात करते हुए प्रोहेल्थ कार्यक्रम के बारे में कहा जो स्वास्थ्य जानकारों से नियमित अंतराल पर राय लेने में सहायता करता है.

डॉ रेड्डी ने कहा, “यह लोगों को कैंसर और अन्य गैर-संक्रामक रोंगों की आरंभ को रोकने के लिए अपने स्वास्थ्य का जायजा लेने का आग्रह करता है.

उन्होंने आगे बोला कि केंद्र गवर्नमेंट क्रांतिकारी स्वास्थ्य नीतियों को लाने के अपने दृष्टिकोण में “अभूतपूर्व” रही है, साथ ही उन्होंने आयुष्मान हिंदुस्तान डिजिटल हेल्थ मिशन का भी उल्लेख किया. आयुष्मान हिंदुस्तान डिजिटल हेल्थ मिशन” की सराहना Appreciation of “Ayushman Bharat Digital Health Mission”
उन्होंने हिंदुस्तान गवर्नमेंट के “Ayushman Bharat Digital Health Mission” की भी सराहना की. उन्होंने बोला कि ये मिशन क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है. उन्होंने बोला कि “आयुष्मान हिंदुस्तान डिजिटल हेल्थ मिशन लोगों का डाटा इकट्ठा करेगा. इस डाटा की सहायता से रोंगों के बारे में पता लगाया जा सकता है और रोग होने के संकेतों को भी समझा जा सकता है. गवर्नमेंट इस मिशन के जरिए रोंगों को रोकने की दिशा में अहम कदम उठा रही है.

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