आइए जानें, ऐसे 5 बेहतरीन आटों के बारे में जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में करने में करता है मदद
मधुमेह यानी डायबिटीज एक ऐसी रोग है जिसमें शरीर इंसुलिन हार्मोन का ठीक से उत्पादन नहीं कर पाता या उसका इस्तेमाल नहीं कर पाता। इससे ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए कई तरह की समस्याएं पैदा करता है। ऐसे में डायबिटीज रोगियों के लिए खानपान का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है।
डायबिटीज के रोगियों को कई बार रोटी, पराठा या अन्य व्यंजनों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले गेहूं के आटे से बचना पड़ता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि डायबिटीज रोगियों को रोटी या अन्य टेस्टी व्यंजनों का मजा नहीं ले सकते। कई ऐसे वैकल्पिक आटे उपस्थित हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने में सहायता करते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही 5 बेहतरीन आटों के बारे में:
बाजरा का आटा
बाजरा फाइबर और प्रोटीन का अच्छा सोर्स है, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में सहायता करता है। इसके अलावा, इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका मतलब है कि यह ब्लड शुगर लेवल को तेजी से नहीं बढ़ाता है। डायबिटीज रोगी बाजरा के आटे की रोटी, डोसा या अन्य रेसिपी बनाकर उनका आनंद ले सकते हैं।
ज्वार का आटा
ज्वार एक और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला आटा है जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है। इसमें फाइबर, मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ज्वार के आटे का इस्तेमाल रोटी, डोसा, पराठा और यहां तक कि हलवा बनाने के लिए भी किया जा सकता है।
रागी का आटा
रागी का आटा एंटी-डायबिटीज गुणों से भरपूर होता है। इसके सेवन से इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ावा मिलता है और ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। रागी के आटे की रोटी, डोसा या इडली डायबिटीज रोगियों के लिए टेस्टी और स्वास्थ्य वर्धक विकल्प हैं।
सोया आटा
सोया आटा प्रोटीन का एक अच्छा सोर्स है जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में सहायता करता है। इसके अलावा, इसमें फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। सोया आटा रोटी, पराठा या अन्य व्यंजनों में आधा गेहूं के आटे के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।
नारियल का आटा
नारियल का आटा फाइबर का एक अच्छा सोर्स है और इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत कम होती है। इसलिए, यह डायबिटीज रोगियों के लिए एक आदर्श विकल्प है। नारियल के आटे का इस्तेमाल रोटी, चपाती या पैनकेक बनाने के लिए किया जा सकता है।