स्वास्थ्य

जाने क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग और क्या कहते हैं शोधकर्ता…

हाल ही में यूरोपियन न्यूट्रीशन कॉन्फ्रेंस में किंग्स कॉलेज लंदन की ओर से प्रस्तुत किए गए शोध में यह बात सामने आई है कि प्रतिदिन 14 घंटे तक का उपवास रखने से भूख और नींद में सुधार आता है शोध में शामिल प्रतिभागियों ने कहा कि उपवास के दौरान उन्हें भूख कम लगती थी और वे बेहतर नींद ले पा रहे थे इसके अलावा, उपवास से मूड में भी सुधार आया था

अध्ययन के मुताबिक, उपवास से भूख और नींद में सुधार आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं एक कारण यह है कि उपवास के दौरान शरीर में इंसुलिन का स्तर कम होता है इंसुलिन एक हार्मोन है जो भूख को नियंत्रित करने में सहायता करता है उपवास के दौरान इंसुलिन का स्तर कम होने से भूख कम लगती है दूसरा कारण यह है कि उपवास के दौरान शरीर में मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ जाती है मेटाबॉलिज्म रेट वह रेट है जिस पर शरीर ऊर्जा को खर्च करता है उपवास के दौरान मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ने से शरीर में अधिक कैलोरी बर्न होती है, जिससे वजन घटाने में सहायता मिल सकती है

क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग?
इंटरमिटेंट फास्टिंग एक ऐसी डाइट का पैटर्न है, जिसमें खाने और उपवास के समय को विभाजित किया जाता है इसमें, आप एक निश्चित समय के लिए खाते हैं और फिर एक निश्चित समय तक कुछ भी नहीं खाते हैं इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई भिन्न-भिन्न प्रकार हैं, लेकिन कुछ सबसे लोकप्रिय प्रकारों हैं- 16:8 फास्टिंग, 5:2 फास्टिंग, अटीएम फास्टिंग, आदि

ऐसे हुआ अध्ययन
37,545 प्रतिभागियों को पहले एक सप्ताह सामान्य रूप से भोजन करने के लिए बोला गया फिर 10 घंटे का भोजन पैटर्न तय किया गया इनमें से 27,371 प्रतिभागियों ने दो हफ्तों का विकल्प चुना और सामान्य रूप से भोजन किया इसके बाद पाया गया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग को फॉलो करने वाले लगभग सभी प्रतिभागियों ने नींद और भूख में सुधार और मूड अच्छा रहने की बात कही

क्या कहते हैं शोधकर्ता
प्रमुख शोधकर्ता डाक्टर सारा बेरी ने बोला कि उपवास पर यह अब तक का सबसे बड़ा शोध है यदि इसका मुनासिब ढंग से पालन किया जाए तो स्वास्थ्य में बड़े परिवर्तन हो सकते हैं

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