स्वास्थ्य

Health Tips: जानें शरीर में नीले निशान पड़ने के कारण और इसके उपायों के बारे में…

कुछ लोगों के शरीर में अक्सर बिना किसी चोट के नीले निशान पड़ जाते हैं ऐसा अक्सर लोगों के साथ होता है, लेकिन लोग इसको अधिक गंभीरता से नहीं लेते हैं ऐसे में आपको यह जानकारी जरूर होनी चाहिए कि ऐसा क्यों होता है और इसके पीछे क्या कारण हो सकता है

अगर आपके साथ भी ऐसा होता है और बिना चोट लगे शरीर में नीले चकत्ते पड़ जाते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको शरीर में नीले निशान पड़ने के कारण इसके लक्षण और तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं

क्या है नीले निशान पड़ने की वजह

ब्लड क्लॉटिंग यानी खून जमने की परेशानी के कारण त्वचा पर नीले निशान पड़ जाते हैं शरीर में नीला निशान पड़ना इस बात की ओर संकेत देता है कि आपकी बॉडी को उतना ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है, जितना महत्वपूर्ण है हांलाकि ऐसा क्यों होता है यह भी जानना बहुत महत्वपूर्ण होता है

साइनोसिस की समस्या

सरल शब्दों में आप साइनोसिस को इस तरह से समझ सकते हैं- जब आप नाखून काटते हैं, तो निर्जीव नाखून काटने पर दर्द नहीं होता है लेकिन जैसे ही बढ़े हुए नाखून से आगे थोड़ा सा कट जाता है, तो दर्द होने के साथ ही खून आने लगता है इसका अर्थ है कि शरीर की ऊपरी त्वचा के लेयर तक खून की सप्लाई होता है वहीं ब्लड हमारे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है ऐसे में शरीर के जिस हिस्से में ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाता है, इसको साइनोसिस बोला जाता है

हेमरेज और नील पड़ने में फर्क

स्किन के अंदर खून जमने की प्रक्रिया एक तरह के हेमरेज होता है आमतौर पर चोट लगने पर खून जम जाता है, जिस कारण शरीर में नीला, काला या लाल निशान पड़ जाता है

अगर खून की नलियों में से ब्लड बाहर की तरफ निकलता है और खून को मेंटेन रखने की क्षमता कम हो और यदि प्रोथोम्बिन और थोम्बिन कम हो जाता है तो यह हेमरेज है इस स्थिति में बॉडी के उस हिस्से में खून के थक्के बन जाते हैं

वहीं त्वता पर नीले निशान हैं, तो इसमें घबराने वाली बात नहीं हैं यह स्किन पर दिखाई देने वाले नीले निशान हैं शरीर में उपस्थित ऐसे श्वेत रक्त कण यानी की WBC धीरे-धीरे खून के थक्कों को वहां से हटा देते हैं लेकिन यदि दिल या दिमाग में ब्लड क्लॉटिंग हो जाती हैं, तो पल्मोनरी एम्बोलिज्म या ब्रेन हेमरेज की परेशानी हो सकती है

सर्दियों में बढ़ती है यह समस्या

आपके भी मन में अक्सर यह प्रश्न उठता है कि आखिर सर्दियों के मौसम में ही त्वचा पर यह नीले निशान क्यों पड़ते हैं तो इसका उत्तर है कि सर्दियों में खून में ऑक्सीजन की सप्लाई कम या धीमी हो जाती है जिसके कारण त्वचा पर नीले निशान दिखाई देने लगते हैं जिसको साइनोसिस बोला जाता है

दवाइयों के कारण नीले निशान

शरीर के किसी भी हिस्से जैसे पेट, गले, हाथ, पैर में साइनोसिस हो सकता है वहीं कई बार दवाइयों के रिएक्शन के कारण भी त्वचा पर नीले निशान पड़ जाते हैं

साइनोसिस की स्थिति बनने पर शरीर में सबसे पहले ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है वहीं बॉडी में खून की कमी होने पर फोलिक एसिड युक्त चीजें डाइट में शामिल करने की राय दी जाती है इससे जल्द आराम मिलता है

पीरियड्स में पड़ जाते हैं नीले निशान

कई स्त्रियों को माहवारी के दौरान भी शरीर में नीले निशान पड़ जाते हैं तो बता दें कि ऐसा अधिक ब्लीडिंग की वजह से होता है ओवेरियन फॉलिकल अधिक रप्चर होने की वजह से ब्लीडिंग अधिक होती है और इससे बॉडी में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है जिसके कारण त्वचा पर नीले निशान पड़ने लगते हैं

पीरियड्स के दौरान स्त्रियों के शरीर को अधिक आराम की आवश्यकता होती है वहीं शरीर को आराम न मिल पाने पर ओवेरियन फॉलिकल के अधिक रप्चर होने की आसार होती है जिससे अधिक ब्लीडिंग होने लगती है और शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई अच्छे से नहीं हो पाती है इस वजह से भी त्वचा पर नीले निशान पड़ जाते हैं

डाइट में बढ़ाएं फोलिक एसिड की मात्रा

जब शरीर में नीले निशान पड़ने लगते हैं, तो हेल्थ एक्सपर्ट्स डाइट में फॉलिक एसिड के सप्लीमेंट लेने की राय देते हैं डाइट में फॉलिक एसिड के सप्लीमेंट लेने से ब्लड बनता है और साइनोसिस की परेशानी ठीक होने लगती है इसलिए स्त्रियों को इस परेशानी से बचने के लिए अपनी डाइट में अंडा, राजमा, टमाटर, केला, एवोकाडो, ब्रोकोली और सूजी आदि को शामिल करना चाहिए

हीमोग्लोबिन की कमी

शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने से ब्लड क्लॉटिंग की परेशानी हो सकती है वहीं हीमोग्लोबिन की कमी से ब्रेन, जीभ की मसल्स और हार्ट आदि में खून की सप्लाई कम हो जाती है जिससे ब्लड क्लॉटिंग की परेशानी बन सकती है जिसका असर ब्रेन और किडनी पर भी पड़ सकता है

खून की कमी से पड़ते हैं नीले निशान

बता दें कि एनिमिक होने पर शरीर पर नीले निशान नजर आते हैं एनिमिक लोगों को अपनी डाइट में ऐसी चीजें शामिल करना चाहिए, जिनमें फॉलिक एसिड की मात्रा अधिक हो क्योंकि शरीर में खून की कमी होने से नीले निशान पड़ जाते हैं कई बार शरीर पीला पड़ जाता है इस स्थिति में ऑर्गन ठीक से विकास नहीं कर पाता और आदमी का व्यवहार चिड़चिड़ा हो जाता है

लाइफस्टाइल

वर्तमान समय की लाइफस्टाइल के कारण तनाव अधिक बढ़ गया है लोगों को घंटों बैठकर ऑफिस में काम करना पड़ता है तनाव रहने, समय पर भोजन न करने, देर रात खाने, अधिक मात्रा में जंक फूड का सेवन और एक्सरसाइज न करने से कॉन्स्टिपेशन की परेशानी होने लगती है वहीं इससे पाइल्स की परेशानी भी हो सकती है पाइल्स के कारण अधिक खून बहने से आदमी एनिमिक का शिकार हो सकता है और शरीर पर नीले निशान पड़ सकते हैं

खून की कमी

आपको बता दें कि स्त्रियों में 12 से 15% एनल कैंसर के मुद्दे पाए जाते हैं इसकी एक सबसे बड़ी वजह लज्जा और हिचक है शौच में ब्लड आना या एनल पार्ट में घाव होने पर महिलाएं चिकित्सक से अपने कठिनाई शेयर करने में लज्जा महसूस करती हैं ऐसी स्थिति में घाव बढ़ जाता है और लगातार खून का रिसाव होने से एनीमिया की कम्पलेन होने की आसार बढ़ जाती है वहीं एनीमिया की वजह से बॉडी पर नीले निशान पड़ जाते हैं इसके अतिरिक्त स्त्रियों को एनल कैंसर के रूप में बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है

जानिए क्या हैं उपाय

यदि शरीर पर बार-बार नीले निशान पड़ते हैं तो आपको सावधान होने की आवश्यकता है साथ ही आपको अपने रहन-सहन और लाइफस्टाइल में हेल्दी आदतें अपनानी चाहिए क्योंकि बिना चोट के शरीर पर पड़ने वाले नीले निशान से बचने के लिए अपनी आदतों को बदलना महत्वपूर्ण है ऐसे में हेल्दी डाइट, पर्याप्त नींद लेने के साथ तनाव से दूरी रखें इन आदतों को अपनाकर शरीर पर पड़ने वाले नीले निशानों से बचा जा सकता है

 

Related Articles

Back to top button