हर तीसरी महिला को होती है पीरियड्स में अनियमितता, जानें कारण
आज के समय में हर तीसरी स्त्री को अनियमित पीरियड्स की परेशानी होती है। यानी की उन स्त्रियों को हर महीने पीरियड्स नहीं आते हैं। आपको बता दें कि 22 से 38 दिनों की मेंस्ट्रुअल साइकिल होती है। इस समय अवधि के बीच यदि किसी स्त्री को पीरियड्स आते हैं, तो इसे सामान्य माना जाता है। लेकिन वर्तमान समय में कई स्त्रियों को कभी भी एक निश्चित समय में पीरियड्स नहीं होते हैं। तो वहीं कुछ स्त्रियों को 2-3 महीने तक मासिक धर्म नहीं होता है।
यह किसी एक स्त्री की परेशानी नहीं है। लेकिन कई स्त्रियों में यह परेशानी आम होती जा रही है। लेकिन क्या आपने कभी जानने का कोशिश किया है कि स्त्रियों में अनियमित पीरियड्स इतना आम क्यों होते जा रहे है। आपको बता दें कि पीरियड्स के अनियमित होने के पीछे 6 मुख्य वजह बताई जाती हैं। ऐसे में यदि आप भी इस परेशानी से परेशान हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि किन कारणों के चलते पीरियड्स समय से नहीं आते हैं।
पीरियड्स की अनियमितता के कारण
नाइट शिफ्ट या देर रात तक काम करना।
पीरियड्स के दौरान अधिक परिश्रम
लंबे समय से दर्द, पीड़ा और तनाव में होना।
बार-बार या जोरदार संभोग
कुरकुरे और क्रिस्पी स्नैक्स का सेवन करना।
मासिक धर्म के दौरान लंबी यात्राएं करना।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार स्त्रियों को अपने पीरियड्स के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। इस दौरान शरीर को आराम देना चाहिए और अधिक परिश्रम करने से बचना चाहिए। भले ही मासिक धर्म के दौरान होने वाले नुकसानों के बारे में नहीं पता चलता है, लेकिन जब आप इन दिनों अधिक मेहनत करती हैं, तो कई सालों के बाद आपको इसका असर देखने को मिलता है। बता दें कि इस दौरान नीचे बताई गई समस्याएं हो सकती हैं।
असामान्य ब्लीडिंग
अधिक ब्लीडिंग होना
हार्मोन असंतुलन
जब कोई चीज आपके मन, मतिष्क या फिर भौतिक शरीर पर तनाव देती है, तो गर्भाशय और उसके हार्मोन को को प्रभावित करता है, जैसे- एचपीओ अक्ष के जरिए से (हाइपोथैलेमस – पिट्यूटरी – डिम्बग्रंथि अक्ष या प्राण – अपान वात)
आपको बता दें कि एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन जैसे प्रजनन हार्मोन आदि स्टेरॉयड हार्मोन फैट मोलेक्यूल से बने हार्मोन होते हैं। ऐसे में पीरियड्स के दौरान अधिक मेहनत करने से इन हार्मोन्स का उत्पादन खराब हो जाता है। ऐसे में पीरियड्स के दौरान अपने शरीर को आराम देने के साथ ही संभोग करने से बचना चाहिए।