Covid-19 इंफेक्शन के बाद तेजी से मरने लगते हैं लंग्स सेल्स
कोविड-19 के साइड इफेक्ट्स अभी भी इंफेक्शन से ठीक हुए रोगियों में उपस्थित हो सकते हैं। जिसकी वजह से स्वास्थ्य में गिरावट, हार्ट अटैक, स्ट्रोक और लंग्स फेलियर और इससे होने वाली मृत्यु के मुद्दे लगातार बढ़ रहे हैं।
जर्नल नेचर कॉम्यूनिकेशन में प्रकाशित एक स्टडी में कोविड रोगियों के लंग्स डैमेज होने के पीछे की वजह सामने आयी है। इसके मुताबिक कोविड से संक्रमित रोगियों के फेफड़ों के सेल्स तेजी से मरने लगते हैं। इसके कारण लंग्स में सूजन और तीव्र श्वसन विकार जैसी जानलेवा स्थितियां पैदा हो सकती है। शोधकर्ताओं ने यह भी कहा है कि फेरोप्टोसिस को रोकने से Covid-19 के कारण होने वाले फेफड़ों के रोगों के उपचार के नए ढंग विकसित किए जा सकते हैं।
क्या है फेरोप्टोसिस
सेल्स डेथ एक नेचुरल प्रोसेस है, जहां कोशिकाएं अपना काम करना बंद कर देते हैं। सेल्स डेथ के दौरान कोशिका के अंदर के अणु टूट जाते हैं। यह प्रक्रिया इंसानों में रोग या उम्र बढ़ने के साथ स्वाभाविक रूप से होती रहती है। लेकिन फेरोप्टोसिस सेल्स डेथ का एक असामान्य रूप है, जिसमें कोशिकाओं की बाहरी वसा की परतें टूटने के कारण वह मरने लगते हैं और लंग्स कमजोर हो जाते हैं।
डेथ बॉडी से लिया गया सैंपल
अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह शोध किया है। उन्होंने Covid-19 से होने वाली रेस्पिरेटरी सिस्टम के फेल होने से जान गंवाने वाले रोगियों के ऊतकों का विश्लेषण किया। साथ ही, शोध में हैम्स्टरों के ऊतकों का भी विश्लेषण किया गया।
कोविड-19 और फेरोप्टोसिस का संबंध
अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि Covid-19 से गंभीर रूप से प्रभावित रोगियों के फेफड़ों में फेरोप्टोसिस की मात्रा सामान्य से कहीं अधिक होती है। यही वजह है कि उनके फेफड़ों को इतना अधिक हानि पहुंचता है।
मिल सकता है Covid-19 का इलाज
शोधकर्ताओं को आशा है कि फेरोप्टोसिस को रोकने वाली दवाओं के विकास से Covid-19 के उपचार में काफी सहायता मिल सकती है। अभी यह शोध शुरुआती दौर में है और फेरोप्टोसिस को लक्षित करने वाली दवाओं के बारे में और अधिक अध्ययन की जरूरत है। हालांकि, यह शोध Covid-19 के उपचार के लिए नयी दिशा दिखाता है।