स्वास्थ्य

सीताफल का सेवन मधुमेह में होता है फायदेमंद

सीताफल के बारे में राम चरित-मानस की कथा में कहा गया है ऐसा बोला जाता है कि देवी सीता ने वनवास के दौरान श्री राम को सीता फल उपहार में दिया था इसीलिए इस फल को सीताफल भी बोला जाता है

यह फल देखने में खुरदरा लेकिन मीठा होता है आयुर्वेदाचार्य के मुताबिक सीताफल का इस्तेमाल कई रोंगों के उपचार के लिए भी किया जाता है पूर्व चिकित्सा प्रभारी एवं यूनानी पद्धति के डॉक्टर डाॅ सुबास राय ने सीताफल के औषधीय इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी

सीताफल दस्त को रोकता है

सीताफल का तना डायरिया रोकने में कारगर है धनिया हटा दें इसे 15-30 मिलीलीटर की मात्रा में पियें इससे दस्त बंद हो जायेंगे धनिया में फाइबर और खनिज भी होते हैं इसका नियमित सेवन करने से अपच और कब्ज की परेशानी नहीं होती है

प्रसव के बाद स्त्रियों को शीतल फल अवश्य खिलाना चाहिए

मां बनने के बाद स्त्रियों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है ऐसे में मां को सीताफल जरूर खाना चाहिए अगर महिलाएं 1-2 ग्राम सीताफल की जड़ के पाउडर का सेवन करती हैं, तो उन्हें प्रसवोत्तर समस्याओं जैसे मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक प्रवाह संतुलन और जोड़ों के दर्द से राहत मिल सकती है

सीताफल त्वचा छिद्र बीमारी के विरुद्ध कारगर है

त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए रोमछिद्र जरूरी होते हैं जब रोमछिद्र बंद हो जाते हैं तो त्वचा को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए सीताफल की पत्तियों का पेस्ट बनाकर लगाएं यह घाव, सूजन और रोमछिद्रों के रोगों से राहत दिलाता है

जूँ से छुटकारा पाएं, लेकिन सावधानी के साथ इस्तेमाल करें

सिर की जूँ या लीख परेशानी का कारण बनती हैं सीताफल के बीजों को पीसकर सिर पर लगाएं इससे जूँ मर जाती हैं इसका इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि यदि यह आंखों में चला जाए तो आंखों को हानि पहुंचने का खतरा रहता है कस्टर्ड सेब कैल्शियम और फाइबर जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो गठिया और कब्ज जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में सहायता करता है

बुखार में सीताफल का प्रयोग

यदि बुखार में ठंडक महसूस हो तो सीताफल के तीन पत्ते और नमक मिलाकर पीने से सर्दी का बुखार दूर हो जाता है जिन लोगों को सर्दी या खांसी होती है उन्हें सीताफल के डंठल चबाने चाहिए इससे सर्दी-खांसी से राहत मिलती है

सीताफल का सेवन मधुमेह में लाभ वाला होता है

दुनिया भर में लाखों लोग मधुमेह से पीड़ित हैं मधुमेह के मरीजों को सीताफल की पत्तियों का 1-3 ग्राम चूर्ण का सेवन करना चाहिए यह शुगर में फायदेमंद है

दरअसल, सीताफल में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं यह रक्त शर्करा के स्तर में सुधार करता है

हिस्टीरिया में लाभकारी

हिस्टीरिया के कारण बीमार को सामान्य जीवन जीने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है सिट्रोन का रस नाक से लेने से हिस्टीरिया में फायदा होता है

अस्थमा से राहत

सीताफल अस्थमा के लिए लाभ वाला है यह उत्कृष्ट एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों वाला एक फल है जो अस्थमा के खतरे को कम करने में सहायता करता है

हृदय बीमारी का खतरा कम

दिल के दौरे के खतरे को कम करने के लिए भी धनिया का इस्तेमाल किया जा सकता है दरअसल, सीताफल विटामिन बी6 से भरपूर होता है विटामिन बी6 के सेवन से दिल बीमारी का खतरा कम हो जाता है

सीताफल रक्तचाप को कम करता है

सीताफल का इस्तेमाल रक्तचाप को सामान्य बनाए रखने के लिए भी किया जाता है धनिया में कुछ मैग्नीशियम और कैल्शियम होता है अगर कोई उच्च रक्तचाप से पीड़ित है तो सीताफल में उपस्थित कैल्शियम और मैग्नीशियम का सेवन करने से यह कुछ हद तक ठीक हो सकता है

कोलेस्ट्रॉल कम करने में कारगर

सीताफल का इस्तेमाल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित करने के लिए किया जा सकता है इसमें विटामिन नियासिन होता है नियासिन विटामिन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित करके दिल रोग, स्ट्रोक और दिल बीमारी से बचाने में सहायता करता है

कमजोरी दूर करें

एनीमिया से बचाव के लिए भी सीताफल खाने के लाभ देखे जाते हैं एनीमिया के खतरे से बचने के लिए फोलेट युक्त फलों का सेवन करना लाभ वाला होता है

मज़बूत हड्डियां

सीताफल में कैल्शियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर करने और हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए शीतल फल का सेवन करें

सीताफल एक बीमारी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला फल है

सीताफल में विटामिन सी होता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है बदलते मौसम में सीताफल खाने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है इसे आहार में अवश्य शामिल करना चाहिए

मूड खुश

धनिया विटामिन बी-6 पाइरिडोक्सिन से भरपूर होता है यह मूड संबंधी समस्याओं को भी दूर करता है इसके सेवन से डिप्रेशन जैसी समस्याओं से राहत मिलती है और हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं

सीताफल के दुष्प्रभाव

जूँ से छुटकारा पाने के लिए सीताफल का इस्तेमाल करते समय सावधान रहें कि यह आँखों में न जाए इससे आंखों को हानि हो सकता है

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