स्वास्थ्य

क्या बच्चे भी हो सकते हैं कैंसर के शिकार, जानें एक्सपर्ट से…

कैंसर हर वर्ष लाखों लोगों की मृत्यु का कारण बनने वाली रोग है, समय के साथ इस बीमारी का खतरा और भी तेजी से बढ़ता जा रहा है स्वास्थ्य जानकार कहते हैं, आनुवांशिकता के साथ लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण आप कैंसर के शिकार हो सकते हैं लगभग सभी उम्र के लोगों में समय के साथ-साथ कैंसर का जोखिम बढ़ता हुआ देखा गया है

पुरुषों में प्रोस्टेट-लंग्स और स्त्रियों में ब्रेस्ट-सर्वाइकल कैंसर का जोखिम सबसे अधिक रिपोर्ट किया जाता रहा है ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या बच्चे भी कैंसर के शिकार हो सकते हैं?

इस बारे में किए गए अध्ययनों में कहा गया है कि कैंसर किसी भी उम्र और लिंग के आदमी को अपना शिकार बना सकता है बच्चे भी इसमें शामिल हैं कुछ प्रकार के जोखिम कारक बच्चों को भी कैंसर का शिकार बना रहे हैं, इसके लक्षणों पर गंभीरता से ध्यान देते रहना महत्वपूर्ण हो जाता है

बच्चों में क्या हैं कैंसर के कारण?

स्वास्थ्य जानकार बताते हैं, बच्चों में होने वाले अधिकतर कैंसर जीन में बदलाव के कारण होते हैं जो अनियंत्रित कोशिका वृद्धि के कारण ट्यूमर और कैंसर का खतरा बढ़ा देते हैं कुछ बच्चों में कैंसर के लिए रेडिएशन के अत्यधिक संपर्क को प्रमुख कारण माना गया है शोधकर्ता बताते हैं, सेकेंडहैंड स्मोकिंग यानी यदि परिवार में कोई धूम्रपान करता है और बच्चा उसके धुएं के संपर्क में रहता है तो इसके कारण भी कैंसर  विकसित होने का खतरा हो सकता है

हालांकि वयस्कों के उल्टा बच्चों में कुछ विशेष प्रकार के कैंसर का जोखिम अधिक देखा जाता रहा है

ल्यूकेमिया का बच्चों में बढ़ रहा है जोखिम

अमेरिकन कैंसर सोसाइटी की रिपोर्ट से पता चलता है कि ल्यूकेमिया का खतरा बच्चों में सबसे अधिक हो सकता है ल्यूकेमिया, रक्त कोशिकाओं में होने वाला आम प्रकार का कैंसर है ये बच्चों में होने वाले सभी प्रकार के कैंसर का लगभग 28% है ल्यूकेमिया, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, थकान, कमजोरी, त्वचा में पीलापन, रक्तस्राव या चोट की समस्या, अक्सर बुखार बने रहने, वजन घटने जैसे लक्षण पैदा कर सकता है

ल्यूकेमिया शरीर में तेजी से बढ़ सकता है, इसलिए अक्यूट ल्यूकेमिया की स्थिति में तुरंत कीमोथेरेपी जैसे इलाज को प्रयोग में लाया जाता है

मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर

ल्यूकेमिया के साथ बच्चों में जिस कैंसर का जोखिम अधिक देखा जाता रहा है, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर होना उसमें आम है ये बचपन में होने वाले कैंसर का लगभग 26% है मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के ट्यूमर कई प्रकार के होते हैं, इसकी गंभीर स्थिति जानलेवा दुष्प्रभावों वाली भी हो सकती है बच्चों और वयस्कों दोनों में मस्तिष्क ट्यूमर की परेशानी होना अधिक आम है

ब्रेन ट्यूमर, मस्तिष्क के निचले हिस्से जैसे सेरिबैलम या ब्रेन स्टेम में प्रारम्भ होते हैं इसके कारण सिरदर्द, मतली, उल्टी, धुंधली या दोहरी दृष्टि, चक्कर-दौरे पड़ने की परेशानी अधिक देखी जाती रही है

हड्डियों में भी हो सकता है कैंसर

हड्डियों में प्रारम्भ होने वाला कैंसर अधिकांश बच्चों और किशोरों में होता है बचपन में होने वाले कैंसर के लगभग 3% मुद्दे हड्डियों में होने वाले कैंसर के होते हैं

ओस्टियोसारकोमा सबसे आम प्रकार का कैंसर है जो आमतौर पर उन क्षेत्रों में विकसित होता है जहां हड्डियां तेजी से बढ़ रही होती हैं जैसे पैर या बांह की हड्डियों का छोर यह अक्सर हड्डियों में दर्द का कारण बनता है जो रात में अधिक हो सकती है हड्डियों में कैंसर की परेशानी होने के लक्षणों पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना महत्वपूर्ण है

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, जानकारों और अकादमिक संस्थानों से वार्ता के आधार पर तैयार किए जाते हैं लेख में उल्लेखित तथ्यों और सूचनाओं को मीडिया के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा और परखा गया है इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है संबंधित लेख पाठक की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है मीडिया लेख में प्रदत्त जानकारी और सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित रोग के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श लें

Related Articles

Back to top button