स्वास्थ्य

स्पाइन टीबी पूरी तरह से ठीक होने वाली बीमारी, पढ़े पूरी जानकारी

हर वर्ष 24 मार्च को वर्ल्‍ड टीबी दिवस मनाया जाता है. टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु की वजह से होती है. स्पाइन टीबी रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करने वाली एक गंभीर रोग है. विश्व टीबी दिवस के पूर्व संध्या पर न्यूरो और स्पाइन सर्जन डाक्टर एनआई कमाली ने इस रोग को लेकर प्रेस वार्ता को संबोधित किया. टीबी का संक्रमण फैलने की संभावना डाक्टर कमाली ने बोला कि स्पाइन टीबी किसी भी उम्र में हो सकता है. खासकर ऐसे लोगों में, जो कुपोषण के शिकार हैं. जिनका खान-पान संतुलित नहीं है. जो नशे का सेवन करते हैं. ऐसे लोगों में टीबी का संक्रमण फैलने की संभावना अधिक रहती है. इसके अतिरिक्त पहले से किसी तरह की रोग से ग्रस्त लोगों में भी इसके फैलने की आसार रहती है. स्पाइन टीबी के लक्षण सामान्यतः धीरे-धीरे दिखाई देते हैं. अक्सर लोग ध्यान नहीं देते हैं. तब तक यह परेशानी गंभीर नहीं हो जाती. 15 प्रतिशत मुद्दे बोन टीबी से जुड़े होते हैं उन्होंने आगे बोला कि टीबी के कुल मामलों में से करीब 15 प्रतिशत मुकदमा बोन टीबी से जुड़े होते हैं. बोन टीबी के करीब 50 प्रतिशत मुद्दे स्पाइन टीबी से जुड़े होते हैं. स्पाइन टीबी के मुद्दे में संक्रमण रीढ़ की हड्डी में फैलता है. जिससे हड्डियां कमजोर पड़ने लगती है या गलने लगती है. नसों पर दबाव बढ़ने लगता है. इसमें कमर दर्द, उठने-बैठने, चलने-फिरने में परेशानी, झटका आना, हाथ-पैर का काम करना बंद कर देना जैसी कई समस्याएं आ सकती हैं. लक्षण दिखे तो इसकी तुरंत जांच कराएं और जानकार चिकित्सक से परामर्श लें. उपचार से पूरी तरह से ठीक हो सकता है डाक्टर एनआई कमाली ने बोला कि शुरुआती निदान और इलाज से बीमारी को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है. मगर देरी के साथ मुश्किलें बढ़ सकती है. स्पाइन टीबी का इलाज आमतौर पर एंटी-टीबी दवाओं के एक लंबे अंतराल के साथ किया जाता है. यह समय अंतराल दो वर्ष तक हो सकता है. यह जरूरी है कि बीमार दवा का कोर्स पूरा करे. भले ही वह बेहतर महसूस करने लगे. सावधानी बहुत महत्वपूर्ण बोन टीबी के कई मामलों में सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है. इन स्थितियों में रोगी को यह जिद पकड़कर नहीं बैठना चाहिए कि उसे दवा से ही ठीक किया जाए. यह जिद रोग को बढ़ा सकता है. स्पाइन टीबी को नियंत्रित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है जागरूकता.

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