लू के कारण दिल का दौरा कैसे पड़ता है, जानें लक्षण और बचाव के तरीके
गर्मी का मौसम जारी है और तापमान बढ़ने से ठंड लगने का खतरा रहता है, जिससे लोग कई तरह की रोंगों की चपेट में आ सकते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि लू दिल के दौरे का कारण भी बन सकती है. ऐसे में महत्वपूर्ण है कि गर्मियों में अपने शरीर का खास ख्याल रखा जाए। बढ़ती गर्मी के दौरान शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे शरीर के कई कार्य प्रभावित होते हैं और दिल का दौरा पड़ने का भी खतरा रहता है.
जब किसी क्षेत्र का तापमान 40 डिग्री से अधिक होता है तो ठंड लगने का खतरा रहता है. गर्मी से दिल बीमारी की कम्पलेन हो सकती है. ऐसे में इससे बचने के लिए लक्षणों को जानना महत्वपूर्ण है. यदि इसके लक्षणों की बात करें तो बहुत कम लोग जानते हैं. आइए सबसे पहले जानते हैं कि शौच के बाद शरीर में क्या लक्षण दिखाई देते हैं.
लू के लक्षण
थकान
यह दिल के दौरे का शुरुआती लक्षण हो सकता है. कुछ लोग गर्मियों में शीघ्र थक जाते हैं क्योंकि उनके शरीर का तापमान सामान्य नहीं होता है, जिसका सीधा असर दिल पर पड़ता है. यदि आप गर्मियों में अचानक बेहोश हो जाते हैं तो यह हार्ट अटैक का भी संकेत हो सकता है. इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
सिरदर्द
यदि धूप के कारण लगातार सिरदर्द रहता है तो बीपी बढ़ने का खतरा रहता है. यदि समय पर बीपी का उपचार न किया जाए तो यह हार्ट अटैक का कारण बन सकता है. बढ़ते तापमान के दौरान शरीर में पानी की कमी हो जाती है. जो दिल की रोंगों का कारण बन सकता है।
लू के कारण दिल का दौरा कैसे पड़ता है?
दिल्ली के राजीव गांधी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग के डाक्टर अजीत जैन बताते हैं कि ठंड के कारण दिल का दौरा पड़ सकता है क्योंकि बढ़ती गर्मी के दौरान शरीर अपना तापमान बनाए रखने की प्रयास करता है. इससे दिल को अधिक रक्त पंप करना पड़ता है. इस दौरान दिल पर दबाव पड़ता है, जिससे दिल तेजी से धड़कता है. दिल गति में अचानक वृद्धि से दिल का दौरा पड़ सकता है. ऐसे कई मुद्दे देखने को मिलते हैं जब लोग कई घंटों तक धूप में रहने के कारण लू के कारण मर जाते हैं. ऐसी मौतों का मुख्य कारण दिल का दौरा और दिल की विफलता है.
जोखिम में कौन है?
डॉ. जैन का बोलना है कि गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और पहले से दिल बीमारी से पीड़ित लोगों को फ्लू के कारण दिल का दौरा पड़ सकता है. ऐसे लोगों को अत्यधिक गर्मी में बाहर निकलने से बचने की राय दी जाती है. यदि बाहर जाना महत्वपूर्ण है तो बचाव के इन उपायों को अपनाएं. इससे आपकी स्वास्थ्य में सुधार होगा।
बचाने का तरीका
- दिन में 7-8 गिलास पानी पियें
- नींबू पानी पियें
- नाश्ता अवश्य करें
- हरी सब्जियाँ और फल खायें
- ढीले कपड़े पहनें
- तेज धूप से बचें
- जैसे ही आपको कोई लक्षण दिखे तो चिकित्सक से मिलें.