मछली खाने से माइग्रेन के दर्द में मिलेगी राहत
Migraine: आज की तनाव से भरी जीवन में सिरदर्द होना सामान्य-सी बात है। माइग्रेन के पेशेंट्स के लिए ये परेशानी और भी चुनौतीपूर्ण होती है। माइग्रेन का दर्द सामान्य सिरदर्द से काफी अलग होता है। एक बार प्रारम्भ होने पर यह काफी लंबे समय तक बना रहता है। इसमें पेशेंट को चक्कर आने, उल्टी होने, हाथ पैर सुन्न पड़ जाने जैसी प्रॉब्लम्स भी देखने को मिलती हैं। माइग्रेन पेशेंट्स की देखने, सुनने और सूंघने की क्षमता भी कई बार प्रभावित होती है। एक अनुमान के मुताबिक, पूरे विश्व में कम से कम सौ करोड़ लोगों को माइग्रेन के अटैक्स आते हैं।
नियत समय पर भोजन करना जरूरी
अगर आप समय पर खाना नहीं खाते और लंबे समय तक भूखे रहते हैं, तो इस वजह से भी माइग्रेन के अटैक्स को बढ़ावा मिलता है। अधिक देर तक भूखे रहने से बॉडी में शुगर लेवल तेजी से कम होने लगता है। बाद में यदि कुछ खाकर इसे नॉर्मल करने की प्रयास भी की जाये तो भी तब तक काफी देर हो चुकी होती है, और दर्द बढ़ने लगता है। ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल में रखने में जई का दलिया बहुत कारगर है।
भोजन न बहुत गर्म, न बहुत ठंडा हो
माइग्रेन से पीड़ित लोग नाश्ते के रूप में जई का दलिया खा सकते हैं। इसमें ताजे फल मिला कर खाने से ये और भी हेल्दी हो जाता है। खाने का तापमान भी इसमें काफी हद तक किरदार निभाता है। बहुत अधिक गर्म या बहुत अधिक ठंढी चीजें माइग्रेन के दर्द को बढ़ावा देती हैं। ऐसे में प्रयास करें कि आपके खाने-पीने की चीजों का तापमान नॉर्मल हो।
खाने की इन चीजों से बनाएं दूरी
कुछ खाने की चीजें और उनमें उपस्थित केमिकल्स माइग्रेन के अटैक्स को बढ़ाने का काम करते हैं। चॉकलेट्स, नाइट्रेट युक्त खाद्य पदार्थ जैसे क्योर मीट और हॉट डॉग, प्रोसेस्ड फूड, आर्टिफिशियल स्वीटनर, फर्मेंटेड फूड्स आदि में कुछ ऐसे केमिकल्स पाये जाते हैं, जिनसे माइग्रेन बढ़ता है। चॉकलेट में कैफीन और बीटा फेनीलेथाइलामीन नामक तत्व होता है, जिससे रक्त वाहिकाओं में खिंचाव पैदा होता है। इससे सिरदर्द बढ़ने लगता है। माइग्रेन में डेयरी प्रोडक्ट्स खासकर चीज और दही का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। डेयरी प्रोडक्ट्स में टायरामिन नामक तत्व पाया जाता है। ये माइग्रेन और उससे जुड़ी समस्याओं को और बढ़ा सकता है। अपने खाने में नमक और चिकनाई की मात्रा को भी जितना हो सके कम करें।
मछली खाने से भी मिलेगी राहत
मैग्नीशियम रिच फूड्स माइग्रेन के असर को कम करने में काफी कारगर है। हरी पत्तेदार सब्जियों, नट्स, कद्दू के बीज, ब्रोकली, एवोकाडो और टूना मछली में मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड भी माइग्रेन के दर्द को कम करता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड का सबसे अच्छा सोर्स मछलियां हैं। इसलिए माइग्रेन से बचने के लिए मछली का सेवन लाभ वाला होता है। सिर में सूजन और दर्द को कम करने के अलावा, मछली का ऑयल ब्लड क्लॉटिंग, रक्त दबाव और माइग्रेन अटैक के अन्य लक्षणों को कम करने में सहायक होता है। सालमॉन, ट्राउट और हेरिंग मछली ओमेगा 3 फैटी एसिड के बेहतरीन साधन हैं।
बेवजह के किसी तनाव से रहें दूर
माइग्रेन किसी भी उम्र में और किसी को भी हो सकता है। हालांकि, आमतौर पर स्त्रियों में यह परेशानी अधिक देखने को मिलती है। पूरे विश्व में 18 से 44 वर्ष तक के लोग इसके सबसे अधिक शिकार हैं। लगभग 90 फीसदी लोगों में माइग्रेन जेनेटिक कारणों से होता है। इसके अतिरिक्त भी कुछ कारणों से माइग्रेन को बढ़ावा मिलता है। खासकर तनाव, पूरी नींद न लेना, अव्यवस्थित जीवनशैली, हार्मोनल चेंजेज, पेन किलर्स और स्टेरॉयड के बहुत अधिक इस्तेमाल से माइग्रेन को बढ़ावा मिलता है। इसके अतिरिक्त मौसम में अचानक होने वाले बदलावों से भी कई बार माइग्रेन के अटैक्स आते हैं।
कैसे मिलेगी माइग्रेन के दर्द से राहत
- किसी शांत और अंधेरे कमरे में आराम करने और सिर को हल्के हाथों से दबाने पर दर्द में काफी हद तक राहत मिलती है।
- माइग्रेन की वजह से होने वाले सिरदर्द से निबटने के लिए स्वयं को हाइड्रेट रखना महत्वपूर्ण है। प्रत्येक दिन कम-से-कम 8-10 गिलास पानी जरूर पीएं।
- रोजाना कम-से-कम आठ घंटे की नींद जरूर लें। साथ ही तनाव से स्वयं को दूर रखने के लिए योग और प्राणायाम जरूर करें।