स्वास्थ्य

भारत में ओवेरियन कैंसर इन चीजो की वजह से बढ़ रहा तेजी से…

ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) इसलिए घातक है क्योंकि अक्सर इसका पता तब चलता है जब यह फैल चुका होता है, और इसके लक्षण दूसरी रोंगों के लक्षणों से भी मिलते-जुलते हैं. हिंदुस्तान में ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) के मुद्दे कई चीजों की वजह से बढ़ते हैं.

मुंबई के पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होल्कर हेड एंड नेक कैंसर इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डिया के सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डाक्टर कनव कुमार ने आईएएनएस को बताया, “एक जरूरी कारण नियमित जांच कार्यक्रमों और शुरुआती पहचान के उपायों का अभाव है, जिसकी वजह से अक्सर इसका पता अंतिम स्टेज में चलता है, जब उपचार के विकल्प कम रह जाते हैं और स्थिति खराब हो जाती है.

स्वास्थ्य सेवाओं की खासकर ग्रामीण इलाकों में कम उपलब्धता की वजह से भी इसका पता लगाना और उपचार देना कठिन हो जाता है. ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) स्त्रियों में मृत्यु का पांचवां सबसे आम कारण है क्योंकि इसका पता आमतौर पर बाद के चरणों में चलता है.

“इसका शीघ्र पता लगाने का कोई अच्छा तरीका नहीं है, इसलिए सीए-125 जांच की जा सकती है. लेकिन यह ओवेरियन कैंसर के लिए बहुत कारगर या खास नहीं है. यह दूसरी रोंगों की वजह से भी हो सकता है. ज्यादातर रोगियों का पता बाद के चरणों में चलता है,” सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में कंसल्टेंट मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डाक्टर प्रीतम कटारिया ने कहा.

इसलिए, जब तक ये रोगी उपचार के लिए आते हैं तब तक उन्हें पकड़ने में परेशानी होती है और रोग का पता चलने पर जान का खतरा अधिक रहता है. अध्ययनों से पता चला है कि उम्र बढ़ने और मेनोपॉज से डिम्बग्रंथि और अन्य कैंसर फैलने का खतरा बढ़ सकता है.

डॉ कुमार ने कहा कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि स्त्रियों में उम्र के साथ जेनेटिक परिवर्तन जमा होते रहते हैं और वे वातावरण से निकलने वाले कई कार्सिनोजेन के संपर्क में आती हैं.

डॉ कुमार ने बताया, “देर से मेनोपॉज (ज्यादा समय तक पीरियड्स आना) भी ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ाता है क्योंकि इससे ओव्यूलेशन अधिक होते हैं और शरीर रिप्रोडक्टिव हॉर्मोन्स (एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन) के अधिक संपर्क में रहता है.

ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) के जोखिम कारकों में मोटापा, एंडोमेट्रियोसिस और हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) का इस्तेमाल शामिल है, खासकर यदि लंबे समय तक एचआरटी लिया जाए. मेनोपॉज के करीब आ रहीं स्त्रियों को पेट में या स्तन में गांठ, पखाने की आदतों में बदलाव, मेनोपॉज के बाद खून आना या पेट में फूलने जैसा महसूस होना जैसे किसी भी लक्षण को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

डॉक्टरों का बोलना है कि “ये कई कैंसरों, खासकर ओवेरियन कैंसर के लक्षण हो सकते हैं.

Related Articles

Back to top button