स्वास्थ्य

पेट में लंबे समय से गैस की समस्या बनने से हो सकती है आंतों में ये भयंकर बीमारियां

Gas Problems: अगर आपके पेट में लंबे समय से गैस की परेशानी बनी हुई है तो इससे आंतों (Intestines) में अल्सर और कैंसर (Ulcers and Cancer) जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं. ऐसे में आपको अपने जीवनशैली में परिवर्तन करने के साथ-साथ एक अच्छे चिकित्सक के पास समय-समय पर जरूर जाना चाहिए. पेट में दर्द, सीने में जलन, खट्टी डकार, सिर दर्द जैसी कठिनाई होने पर लोग अमूमन घरेलू इलाज ही प्रारम्भ कर देते हैं. लेकिन, जब पेट में गैस की परेशानी अधिक बढ़ जाती है तो अंग्रेजी दवा की तरफ रुख करते हैं. जब इससे भी आऱाम नहीं मिलता है तो लोग इधर-उधर भागने लगते हैं.

ऐलोपैथी दवा खाने के बाद भी जब यह परेशानी बार-बार आती रहती है तो लोग होम्योपैथी या आयुर्वेद की तरफ रुख करते हैं. लेकिन, जब हर तरफ से निराशा हाथ लगती है तो लोग यूनानी पद्धति की तरफ रुख करते हैं. यूनानी चिकित्सा में बीमार के रोगों का निदान बीमार की नब्ज की जांच कर प्रारम्भ किया जाता है. कुछ मामलों में अब एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन या एमआरआई भी होने लगी है.

पेट में गैस बनने से ऐसा पाएं छुटकारा
यूनानी डॉक्टरों की मानें तो गैस भगाने के लिए पुरानी यूनानी पद्धति आज भी सबसे अधिक कागरगर है. यूनानी पद्धति के जरिए वैध आपके हाथ का नब्ज देख कर आपके पेट की गर्मी और ठंडी को भांपते हैं. यूनानी ढंग में न पेट में अधिक गर्मी अच्छी बात है और न ही पेट अधिक ठंड भी रहना चाहिए.

आयुर्वेदिक और यूनानी तिब्बिया कॉलेज करोलबाग के कम्यूनिटी मेडिसीन के डाक्टर मोहम्मद फारूक मीडिया हिंद के साथ वार्ता में कहते हैं, ‘हमलोगों का डायगनोस करने का तरीका अलग होता है. हमलोग रोग के कारणों को जड़ से समाप्त करते हैं. यदि किसी रोगी को गैस की परेशानी है तो उसके कारणों को ढूंढते हैं फिर दवा चालू करते हैं. जैसे हमलोग गैस के लिए जवारिश (Jawarish) ग्रुप की कई दवा देते हैं. हर दवा गैस में ही काम आती है, लेकिन उसका काम भिन्न-भिन्न होता है. इसलिए किस प्रकार का गैस है और उसके कारण क्या हैं इसका पहले पता लगाते हैं. यह दवा पेट की रोंगों के लिए ही हैं, लेकिन गैस की भिन्न-भिन्न रोंगों के लिए यह दवा है.

क्या कहते हैं डॉक्टर
डॉ फारूक आगे कहते हैं, ‘इसी तरह माजून हो या शरबत ये भी गैस की रोग में ही हमलोग दवा देते हैं. यूनानी दवा चटनी और टैबलेट की शक्ल में होती है. मेरे ओपीडी में आने वाला 90 फीसदी रोगी पेट की परेशानी लेकर आता है. बुजुर्गों को कुछ अधिक ही दिक्कतें होती हैं. इन सारी रोंगों का जड़ पेट ही है. खाना ठीक से पचे और रोगी को गैस न हो यह हमारा पहला वसूल होता है. मैं दावा तो नहीं कर सकता, लेकिन इतना जरूर कह सकता हूं कि यदि रोगी ठीक से रोग के बारे में बता दे तो यूनानी पद्धति से गैस और कब्ज की परेशानी हमेशा के लिए समाप्त की जा सकती है.

डॉक्टरों की मानें तो शरीर में गैस बनने के कई कारण होते हैं. खासकर असंयमित जीवनशैली, अनियमित आहार खाना, अधिक खट्टा और मीठा खाना, तीखे और मिर्च मसालेदार खाना, देर रात तक जागना, पानी कम पीना जैसे कारणों से यह रोग होती है. यह हमारे जीवन शैली का हिस्सा हो गया है. ऐसे कुछ रोगी को आयुर्वेद से भी राहत मिलती है, कुछ रोगी क होम्योपैथी दवाओं से भी राहत मिलती है और कुछ रोगी को यूनानी पद्धति से भी राहत मिलती है.

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