स्वास्थ्य

नवरात्रि के व्रत में खाएं मिश्रीकंद, इन सब बीमारियों को करें कंट्रोल

चैत नवरात्रि के व्रत में लंबे समय तक ऊर्जा और ताजगी महसूस करना चाहते हैं तो मिश्रीकंद का सेवन करें. प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी, फोलेट, आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर मिश्रीकंद खाने से लंबे समय तक पेट भरा हुआ होने का एहसास होता है और शीघ्र भूख नहीं लगी.

ठंडी तासीर वाले मिश्रीकंद को खाने से गर्मी में शरीर को ठंडक मिलती है और ताजगी का अनुभव होता है. मेडिका हॉस्पिटल, रांची की सीनियर डाइटीशियन डाक्टर विजयश्री प्रसाद बता रही हैं मिश्रीकंद खाने के फायदे.

मिश्रीकंद एक मीठा फल है. इसकी पैदावार पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा और असम के कुछ हिस्सों में पाई जाती है. यह बसंत ऋतु से लेकर गर्मियों के मौसम तक बाजार में मौजूद रहता है. बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा में मां सरस्वती को मिश्रीकंद का भोग लगाया जाता है. यह फल कंद के रूप में होता है इसलिए इसे मिश्रीकंद बोला जाता है. मिश्रीकंद का आकार शंख की तरह होता है इसलिए इसे शंखालु भी कहते हैं.

गैस्ट्रिक समस्याओं से बचाए

गैस, एसिडिटी, सीने में जलन, कब्ज और पेट दर्द जैसी गैस्ट्रिक समस्याओं से राहत पाने के लिए मिश्रीकंद का सेवन बहुत लाभ वाला है. मिश्रीकंद में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है. फाइबर से पाचन संबंधी समस्याओं में आराम मिलता है. फाइबर के कारण गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं और अपच की समस्याएं कम होती है.

वजन घटाने के लिए खाएं मिश्रीकंद

मिश्रीकंद में फाइबर भएपूर मात्रा में पाया जाता है जिससे लंबे समय कर पेट भरा हुआ लगता है और शीघ्र भूख नहीं लगती. यदि आप वजन घटाना चाहते हैं तो मिश्रीकंद को स्नैक्स की तरह बीच बीच में खा सकते हैं. इससे पेट की गर्मी और भूख शांत होती है. काफी समय तक भूख नहीं लगती, जिससे वजन कम करना सरल हो जाता है.

ब्लड शुगर कंट्रोल करे

मिश्रीकंद का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के कारण ये ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है. जिन लोगों को डायबिटीज है उनके लिए मिश्रीकंद का सेवन करना लाभ वाला हो सकता है.

कोलेस्ट्रॉल घटाने में सहायक

मिश्रीकंद में उपस्थित फाइबर, प्रोटीन, विटामिन सी, फोलेट, आयरन जैसे पोषक तत्व शरीर का मोटापा घटाने में सहायक हैं. साथ ही मिश्रीकंद का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम है. जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ा हुआ रहता है उनके लिए मिश्रीकंद का सेवन फायदेमंद हो सकता है. इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में सहायता मिल सकती है.

शरीर से टॉक्सिन बाहर निकाले

गलत लाइफस्टाइल, खानपान में गड़बड़ी, नींद की कमी और तनाव से शरीर में विषैले तत्व जमा हो जाते हैं. इन्हें बाहर निकालने के लिए लाइफस्टाइल में सुधार, हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज बहुत महत्वपूर्ण हैं. डाइट में मिश्रीकंद को शामिल करने से शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में सहायता मिलती है. बॉडी को डिटॉक्स करने में लिए मिश्रीकंद खाएं.

नई कोशिकाओं को बढ़ाए

इम्यूनिटी बढ़ाने और शरीर को इंफेक्शन से बचाने के लिए नयी कोशिकाओं का बनना महत्वपूर्ण है. इसके लिए शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स की मात्रा में कमी नहीं आनी चाहिए. मिश्रीकंद खाने से शरीर में मिश्रीकंद नयी कोशिकाओं के बनने में सहायता मिलती है. अपने शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए प्रतिदिन मिश्रीकंद का सेवन करना फायदेमंद है.

कैंसर की रोकथाम में सहायक

रोजाना मिश्रीकंद खाने से इम्यूनिटी बढ़ती है जिससे कई तरह के इंफेक्शन से राहत मिलती है. मिश्रीकंद कैंसर के खतरे को रोकने में सहायक है. इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी, विटामिन ई, सेलेनियम और बीटा कैरोटीन जैसे पोषक तत्व शरीर में कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकते हैं.

 

गर्मियों में सबसे महत्वपूर्ण है शरीर को ठंडा रखना. इसके लिए ठंडी तासीर वाली चीजें खाना बहुत महत्वपूर्ण है. गर्मियों में शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए ठंडी तासीर वाली सब्जियां खानी चाहिए. ये सब्जियां शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित बनाए रखती हैं.
गर्मियों में ठंडी तासीर वाली सब्जियां जैसे लौकी, कद्दू चौलाई की साग, पालक, तोरी, टिंडा, भिंडी, करेला, शिमला मिर्च खाना क्यों महत्वपूर्ण है, इसके बारे में बता रही हैं मेडिका हॉस्पिटल, रांची की सीनियर डाइटीशियन डाक्टर विजयश्री प्रसाद.    

पाचन से जुड़ी सबसे बड़ी परेशानी कब्ज है. कब्ज कई कारणों से हो सकता है. लाइफस्टाइल से जुड़ी छोटी छोटी बातों पर ध्यान देकर कब्ज से सरलता से बचा जा सकता है. पेट में गैस, सूजन, कब्ज या दस्त पाचन संबंधी समस्याओं के प्रमुख संकेत हैं. पाचन ठीक न होने पर कई अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स भी हो सकती हैं इसलिए डाइजेशन पर ध्यान देना बहुत महत्वपूर्ण है.
पाचन ठीक नहीं तो हम दिनरात बेचैन रहते हैं. डाइजेशन ठीक नहीं रहता तो कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती हैं. पाचन से जुड़ी समस्याएं और उनके बचने के तरीका बता रहे हैं मुंबई के ग्लेनीगल्स हॉस्पिटल में कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी

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