डायबिटिक मरीज रखे इन 5 बातो का ध्यान, नहीं तो होगा जानलेवा साबित
Diabetes and Nerve Damage: डायबिटीज की रोग होने पर लोगों का ब्लड शुगर बढ़ जाता है और जिंदगीभर इसे कंट्रोल करने की प्रयास करनी पड़ती है। डायबिटीज के रोगियों का शुगर लेवल अनकंट्रोल हो जाए और लंबे समय तक ऐसा रहे, तो इससे नसें (Nerve) डैमेज होना प्रारम्भ हो जाती हैं। जब हद से अधिक शुगर लेवल की वजह से नर्व डैमेज होने लगती हैं, तब इस कंडीशन को डायबिटिक न्यूरोपैथी बोला जाता है। जब हमारे शरीर के किसी हिस्से की नर्व डैमेज हो जाती है, तब नसें उस हिस्से में सिग्नल भेजना बंद कर देती हैं। इसकी वजह से शरीर का अंग ठीक ढंग से काम नहीं कर पाता है। यह बहुत घातक कंडीशन होती है, जो कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती है। इसे लेकर ढिलाई एकदम नहीं बरतनी चाहिए।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) की रिपोर्ट के मुताबिक डायबिटीज के करीब 50 फीसदी रोगियों को डायबिटिक न्यूरोपैथी का सामना करना पड़ता है। नर्व डैमेज के कई लक्षण होते हैं, जिनकी पहचान कर ठीक समय पर ब्लड शुगर कंट्रोल कर लिया जाए, तो अधिक हानि से बचा जा सकता है। यदि डायबिटीज के रोगी लंबे समय तक अपना शुगर लेवल कंट्रोल कर लें, तो नर्व डैमेज से बचा जा सकता है। डायबिटीज की वजह से होने वाली नर्व डैमेज के 4 टाइप होते हैं। पहला पेरीफेरल नर्व डैमेज, दूसरा ऑटोनोमिक नर्व डैमेज, तीसरा प्रॉक्सिमल नर्व डैमेज और चौथा फोकल नर्व डैमेज। सभी तरह की नर्व डैमेज में शरीर के भिन्न-भिन्न अंग प्रभावित होते हैं। हाई शुगर लेवल से आमतौर पर नर्व डैमेज हाथ-पैर, आंख, हार्ट, पेट, ब्लैडर और प्राइवेट पार्ट जैसे हिस्सों में होती है।
डायबिटिक न्यूरोपैथी के कई लक्षण होते हैं, जिनकी पहचान कर आरंभ में ही डायबिटिक न्यूरोपैथी का पता लगाया जा सकता है। हाथ-पैर सुन्न होना, हाथ-पैरों में चुभन होना, फुट अल्सर होना, जॉइंट पेन, मतली, उल्टी, डायरिया, भूख न लगना, प्राइवेट पार्ट में दिक्कत, हिप में सीवियर पेन, आंखों के पीछे दर्द होना, विजन ब्लर होना जैसे लक्षण नजर आएं, तो सावधानी बरतें। हालांकि इससे भी अधिक महत्वपूर्ण है कि आप प्रतिदिन अपने ब्लड शुगर की मॉनिटरिंग करें। यदि आपको शुगर लेवल अनकंट्रोल होता नजर आए, तो चिकित्सक से मिलकर कंसल्ट करें। इसे लेकर किसी भी तरह की ढिलाई न करें, अन्यथा परेशानी बढ़ सकती है। एक बार नर्व डैमेज हो जाए, तो उसे रिवर्स करना संभव नहीं होता है। इसलिए इसे लेकर अत्यंत सावधानी बरतें।
अब प्रश्न उठता है कि ब्लड शुगर को किस तरह कंट्रोल किया जाए? हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए ठीक डाइट लेनी चाहिए और नियमित फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त डायबिटीज के पेशेंट्स को अपना वजन कंट्रोल करना चाहिए और बीपी भी कंट्रोल रखना चाहिए। ऐसे रोगियों को एल्कोहल और स्मोकिंग को पूरी तरह अवॉइड करना चाहिए। इसके अतिरिक्त चिकित्सक की दी गई दवाइयां समय पर लेनी चाहिए। प्रतिदिन अपने ब्लड शुगर की मॉनिटरिंग करनी चाहिए और खूब पानी पीना चाहिए। इन सभी बातों को फॉलो कर शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है।