इस साधारण घास करेंगा पेट की बीमारियों को दूर
फर्रुखाबाद: आयुर्वेद में पेड़ पौधों का काफी महत्व है। औषधीय महत्व के पेड़ पौधे कई रोंगों के लिए लाभ वाला होते हैं। ऐसी ही एक औषधि के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जिसका नाम है चंगोरी। यह घास स्वाद में अनूठी होती है, वहीं यह कई अद्भुत गुणों से भरपूर होती है। इसकी बनावट फूलों के समान ही होती है। इसका प्रयोग प्राचीन समय से ही पेट की रोंगों को दूर करने के लिए किया जाता है।
कमालगंज में बीएएमएस आयुष चिकित्साधिकारी चिकित्सक धर्मेंद्र सिंह यादव ने आयुर्वेदिक औषधि चंगोरी के बारे में कहा कि इसके पत्ते एसिडिक प्रकृति के होते हैं। सूजन आने पर चंगोरी का सेवन करना चाहिए। वहीं इसके सेवन से मूत्राशय की समस्याओं से भी आराम मिलता है। इसके पत्तों को शक्कर के साथ पीसकर शर्बत बनाकर भी पिया जाता है। वहीं इसका सेवन एक सप्ताह तक करने से मूत्राशय की सूजन दूर होती है। इसके लगातार सेवन करने से बुखार में राहत मिलती है, तो दूसरी ओर त्वचा के रोगों से भी मुक्ति मिलती है।
चंगोरी के सेवन का तरीका
अगर आपको भी कोई त्वचा से जुड़ा बीमारी है, तो इसके पंचक का रस निकालकर उसमें काली मिर्च का चूर्ण और घी मिलाकर सेवन करें। ऐसा करने से कुछ समय में ही सभी प्रकार के त्वचा के रोगों से मुक्ति मिलेगी। वहीं यदि घाव सूखने का नाम भी नहीं ले रहा है तो चंगोरी का प्रयोग करें जिससे फायदा मिलेगा।
सिर दर्द की परेशानी में भी चंगोरी का प्रयोग बहुत फायदेमंद माना जाता है। चांगोरी के रस में प्याज का रस मिलाकर सिर पर लेप करें। इसका लेप करने से सिर दर्द दूर होता है। यदि आपको भूख नहीं लगती है तो इसके पत्तों की कढ़ी बनाकर के भी आप खा सकते हैं। जिससे भूख भी बढ़ जाएगी और पाचन से संबंधित सभी बीमारियां समाप्त हो जाएंगी।