जानिए, अगर ब्लड शुगर 70mg/dL से कम हो जाए तो शरीर पर क्या होगा असर
डायबिटीज का मतलब है आवश्यकता से अधिक ब्लड शुगर। यानी खून में शुगर की मात्रा आवश्यकता से अधिक हो जाना। लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि किसी में शुगर का लेवल बहुत कम हो गया। आपने चाहे सुना हो या नहीं सुना हो लेकिन यह सच्चाई कि कुछ लोगों का ब्लड शुगर लेवल बहुत कम हो जाता है। सामान्य तौर पर फास्टिंग ब्लड शुगर 100 mg/dL होता है इसमें थोड़ा बहुत आगे-पीछे होता रहता है। लेकिन यह 70 से कम भी हो सकता है। यदि 70 से अधिक नीचे आ गया है तो इसे हाइपोग्लाइसेमिया कहते हैं। टाइप 1 डायबिटीज के रोगियों में यह आम है। लेकिन टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों में भी यह हो सकता है। इतना ही नहीं जो लोग डायबेटिक नहीं हैं, उसमें लो ब्लड शुगर हो सकती है। हालांकि हर स्थिति में 70 से ब्लड शुगर का नीचे जाना घातक हो सकता है। इसलिए ऐसा क्यों होता है और इसके क्या-क्या लक्षण है, यह जानना महत्वपूर्ण है।
कब घट जाता है ब्लड शुगर लेवल
मैक्स हेल्थकेयर गुड़गांव में डायबेटोलॉजिस्ट और सीनियर कंसल्टेंट डॉ। पारस अग्रवाल बताते हैं कि आमतौर पर जो लोग इंसुलिन पर हैं, उनमें अचानक ब्लड शुगर लेवल कम होने का रिस्क रहता है। यह कई स्थितियों में हो सकता है। ऐसे रोगी यदि बहुत अधिक मेहनत कर ली या खाना देर से खाया या खाली पेट बहुत अधिक एक्सरसाइज कर ली और दवा भी खा लिया तो इन स्थितियों में शुगर लेवल बिल्कुल डाउन हो सकता है। इन सबके अतिरिक्त बहुत अधिक इंसुलिन ले लाना, इंसुलिन के हिसाब से कार्बोहाइड्रैट नहीं लेना, शराब पीना, बहुत अधिक तापमान होना, लाइफस्टाइल या शेड्यूल में बहुत अधिक बदलाव होना, बहुत ऊंचाई पर होना, पीरियड्स, प्यूबर्टी आदि स्थितियों में भी ब्लड शुगर लेवल डाउन हो सकता है। यदि ऐसा हो तो चिकित्सक से संपर्क करना महत्वपूर्ण है।
क्या सामान्य आदमी को भी हो सकता
डॉ। पारस अग्रवाल ने कहा कि सामान्य तौर पर यह डायबिटीज के रोगियों में ही होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सामान्य लोगों में शुगर लेवल घट नहीं सकता। सामान्य लोगों में भी होता है लेकिन बहुत कम होता है। लेकिन इसका कारण एक जटिल रोग इंसुलिनोमा है। यह पैंक्रियाज में ट्यूमर होने के कारण हो सकता है। इसमें पैंक्रियाज से अधिक इंसुलिन बनने लगता है।
शुगर कम होने पर क्या दिखते हैं लक्षण
डॉ। पारस अग्रवाल ने कहा कि यदि डायबिटीज रोगियों में शुगर लेवल बहुत अधिक लो हो जाता है तो इसके कारण रोगी को बहुत अधिक पसीना आने लगता है, हाथ में कंपन होने लगता है, बहुत तेज भूख लगती है। बहुत अधिक बेचैनी और चिंता होने लगती है। दिल तेजी से धड़कने लगता है। हालांकि डायबिटीज के पुराने रोगियों में ये लक्षण नहीं भी दिख सकते हैं लेकिन शुगर लेवल डाउन हो सकता है। इसलिए इन लोगों को शुगर लेवल की जांच हमेशा जरूर करानी चाहिए।
क्या है उपाय
अगर शुगर लेवल 70 के आसापस है तो खान-पान से यह ठीक हो सकता है। लेकिन 70 से कम शुगर लेवल कठिनाई का सबब है। यदि यह 50 तक आ जाए तो इसमें रोगी को हर हाल में हॉस्पिटल में भर्ती कराना चाहिए। यदि रोगी बेहोश नहीं हुआ है तो उसे ग्लूकोज दें या मीठी कैंडी खिलाएं लेकिन ध्यान रहे मीठी चीजें तब ही दें जब जांच से यह पता चल जाए कि शुगर लेवल बहुत नीचे है, वरना न दें। बेहतर रहेगा कि चिकित्सक से राय ले लें।