इस बीमारी की वजह से महिलाओं को पीरियड में होता है भयंकर दर्द, जाने इसके लक्षण
नई दिल्ली के फोर्टिस ला फेम हॉस्पिटल के गायनेकोलॉजी एंड आब्स्टिट्रिशन डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डाक्टर मधु गोयल ने मीडिया को बताया कि स्त्रियों के गर्भाशय में एक लाइनिंग होती है, जिसे एंडोमेट्रियम कहते हैं। जब इस जैसा टिश्यू (Tissue) गर्भाशय के बाहर अंडाशय, पेरिटोनियम या फैलोपियन ट्यूब में मिले, तब इस कंडीशन को एंडोमेट्रियोसिस बोला जाता है। इस तरह का टिश्यू शरीर के किसी भी हिस्से में मिल सकता है। यह आंत, अपेंडिक्स, फेफड़े, लिवर और ब्रेन में भी मिल सकता है।
डॉक्टर मधु कहती हैं कि पीरियड्स के दौरान बहुत तेज दर्द आमतौर पर एंडोमेट्रियोसिस का मुख्य लक्षण होता है। यह दर्द इतना गंभीर होता है कि कई बार महिलाएं इसकी वजह से चलने-फिरने में भी कठिनाई महसूस करती हैं। इस रोग से स्त्रियों की जीवन बुरी तरह प्रभावित होती है। इस रोग की वजह से स्त्रियों को पीरियड से पहले, पीरियड के समय या इसके बाद विशाल दर्द होता है। इसे कंट्रोल करने के लिए पेनकिलर्स और इंजेक्शन का सहारा लेना पड़ता है।
एक्सपर्ट की मानें तो एंडोमेट्रियोसिस की वजह से होने वाला दर्द बहुत परेशान करने वाला हो सकता है। यह दर्द पीरियड्स के बीच भी हो सकता है। इसके अतिरिक्त यौन संबंध बनाने में अत्यधिक दर्द भी इस रोग का संकेत हो सकता है। यदि किसी स्त्री को प्रेग्नेंसी में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, तो यह भी एंडोमेट्रियोसिस का संकेत हो सकता है।
इस रोग की वजह से महिलाएं डिप्रेशन में भी जा सकती हैं। एंडोमेट्रियोसिस की वजह से 50 फीसदी रोगियों में प्रजनन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं और उन्हें प्रजनन बढ़ाने वाली सर्जरी या अन्य ट्रीटमेंट की आवश्यकता हो सकती है।चिंता की बात यह है कि कई बार इस रोग का पता स्कैन के जरिए नहीं लग पाता है। कई बार स्कैन सामान्य होने पर भी एंडोमेट्रियोसिस हो सकता है।
ग्रेटर नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल के गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट की एसोसिएट डायरेक्टर डाक्टर सोनाली गुप्ता ने मीडिया को बताया कि एंडोमेट्रियोसिस एक गंभीर परेशानी है, जिसे उपचार के जरिए कंट्रोल किया जाता है। इस रोग का ट्रीटमेंट पेशेंट के लक्षणों पर आधारित होता है। कई बार पेन किलर्स, गर्भनिरोधक गोलियां, डायनोजेस्ट, इंजेक्शन या इंट्रा गर्भाशय उपकरणों से इसका उपचार किया जाता है। जब कठिनाई अधिक बढ़ जाए, तो सर्जरी के जरिए एंडोमेट्रियोसिस का उपचार किया जाता है।
डॉक्टर सोनाली के अनुसार कई बार एंडोमेट्रियोसिस से निजात पाने के लिए गर्भाशय को ही सर्जरी कर शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। यदि ठीक समय पर इस रोग का पता चल जाए, तो इसे बेहतर ढंग से कंट्रोल किया जा सकता है। एक्सपर्ट की मानें तो एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण इतने अस्पष्ट हो सकते हैं कि इसका पता लगाना कठिन हो जाता है। इसका ठीक समय पर पता लगाने के लिए नियमित पेल्विक परीक्षण और जागरुकता बहुत महत्वपूर्ण है।