स्वास्थ्य

इन चीजों के सेवन से साफ़ होगा आपका खून, रहेंगे हमेशा स्वस्थ

शरीर और त्वचा दोनों को स्वस्थ रखने के लिए स्वच्छ रक्त बनाए रखना जरूरी है. यदि रक्त में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं, तो वे विभिन्न गंभीर रोंगों के साथ-साथ पिंपल्स और मुँहासे जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं, जिससे त्वचा सुस्त दिखने लगती है. इसलिए, समय-समय पर शरीर को डिटॉक्सीफाई करना जरूरी है.

रक्त शरीर में विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए जरूरी है, जैसे ऑक्सीजन, वसा, हार्मोन आदि का परिवहन. हालांकि, जब अस्वास्थ्यकर पदार्थों का सेवन किया जाता है, तो रक्त में गलतियाँ जमा होने लगती हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकती हैं और जोखिम बढ़ा सकती हैं. कई गंभीर रोंगों का आइए कुछ ऐसे पदार्थों के बारे में जानें जो रक्त को सही करने में सहायता करते हैं.

हल्दी – एक प्राकृतिक रक्त शोधक
अधिकांश रसोई में सरलता से मौजूद होने वाली हल्दी फायदेमंद गुणों का खजाना है. इसके घटक रक्त को प्राकृतिक रूप से साफ करने में सहायता करते हैं. इसके लाभ पाने के लिए हल्दी युक्त दूध या हल्दी पानी का सेवन किया जा सकता है.

नीम के पत्ते
नीम की पत्तियां भले ही स्वाद में कड़वी होती हैं, लेकिन औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं और रक्त शोधन में कारगर होती हैं. सुबह खाली पेट 4 से 5 नीम की पत्तियां चबाना लाभ वाला हो सकता है. यह अभ्यास न सिर्फ़ रक्त को साफ करने में सहायता करता है बल्कि त्वचा संबंधी समस्याओं को भी कम करता है. हालाँकि, निम्न रक्त शर्करा स्तर वाले व्यक्तियों को नीम की पत्तियों का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को और कम कर सकता है, जिससे जटिलताएँ हो सकती हैं.

तुलसी के पत्ते
तुलसी, जो आमतौर पर अधिकतर घरों में पाई जाती है, आयुर्वेद में अपने औषधीय गुणों के लिए पूजनीय है. सुबह खाली पेट पानी के साथ तुलसी की 4 पत्तियों का सेवन करने से रक्त शुद्धि होती है. यह बीमारी प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है और पाचन में सुधार करता है. यह राय दी जाती है कि 30 दिनों से अधिक समय तक लगातार तुलसी के पत्तों का सेवन न करें और इनेमल क्षरण को रोकने के लिए उन्हें दांतों से चबाने से बचें.

लहसुन – अचूक उपाय
लहसुन न सिर्फ़ रक्त को सही करने में सहायता करता है बल्कि कई अन्य स्वास्थ्य फायदा भी प्रदान करता है. रोज सुबह गर्म पानी में भिगोई हुई लहसुन की एक या दो कलियाँ खाने से रक्तचाप को नियंत्रित करने, फंगल संक्रमण को रोकने और लीवर को फायदा पहुंचाने में सहायता मिलती है.

इन प्राकृतिक उपचारों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से रक्त को स्वच्छ बनाए रखने में जरूरी सहयोग मिल सकता है, जिससे समग्र स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा मिलेगा.

Related Articles

Back to top button