स्वास्थ्य

इंसुलिन सेंसेटिवटी की समस्या है तो अपना लें ये आदतें

इंसुलिन शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में जरूरी किरदार निभाता है. जब इंसुलिन संवेदनशीलता कम हो जाती है, तो यह खराब इंसुलिन फ़ंक्शन के कारण विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देती है. दैनिक जीवन में कुछ आदतों को शामिल करने से इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार और रक्त शर्करा के स्तर को कारगर ढंग से प्रबंधित करने में सहायता मिल सकती है. यहां, हम इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने और इंसुलिन प्रतिरोध से जुड़ी जटिलताओं को रोकने के लिए जीवनशैली की आठ आदतों पर चर्चा करते हैं.

अपने दिन की आरंभ प्राकृतिक वसा से करें:
भीगे हुए बादाम और अखरोट जैसे प्राकृतिक वसा का सेवन करके अपने दिन की आरंभ करें. ये न सिर्फ़ इंसुलिन संवेदनशीलता को कम करते हैं बल्कि तृप्ति की भावना भी प्रदान करते हैं.

प्रोटीन युक्त नाश्ता शामिल करें:
प्रोटीन से भरपूर नाश्ता चुनें जैसे बेसन चीला, क्विनोआ चीला, या बाजरा खिचड़ी. प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर को कारगर ढंग से नियंत्रित करने में सहायता करते हैं.

अपने आहार में मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें:
अपने आहार में मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे बादाम, केला, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, दालें और साबुत अनाज शामिल करें. ये खाद्य पदार्थ ग्लूकोज को कोशिकाओं में ले जाने में सहायता करते हैं और मुनासिब इंसुलिन कार्य में सहायता करते हैं, जिससे इंसुलिन संवेदनशीलता कम हो जाती है.

भोजन के बाद टहलें:
दोपहर के भोजन या रात के खाने के बाद लगभग 10-15 मिनट तक तेज सैर करें. इससे पाचन ठीक रहता है और ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रण में रहता है.

दोपहर 2 बजे से पहले लंच कर लें:
दोपहर का भोजन 12 बजे से 2 बजे के बीच करें. आयुर्वेद के अनुसार, इस दौरान पाचन सबसे मजबूत होता है, जिससे बेहतर पाचन और पोषक तत्वों को आत्मसात करने में सहायता मिलती है.

ग्रीन टी पियें:
ग्रीन टी में एक चुटकी दालचीनी पाउडर मिलाएं और प्रतिदिन शाम को इसका सेवन करें. यह बेहतर पाचन को बढ़ावा देता है, पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है और रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करता है.

दोपहर के भोजन में साबुत अनाज शामिल करें:
अपने दोपहर के भोजन में क्विनोआ, रागी, अमरंथ, जौ और ज्वार जैसे साबुत अनाज शामिल करें. ये रक्त शर्करा के स्तर को कारगर ढंग से नियंत्रित करने में सहायता करते हैं.

अधिक खाने से बचें:
अपने भोजन का सेवन अपनी भूख के लगभग 80% तक सीमित रखें. यह अधिक खाने और अतिरिक्त कैलोरी की खपत को रोकता है.

इंसुलिन संवेदनशीलता के लक्षण:
भोजन के बाद मीठा खाने की ख़्वाहिश होना
बगलों और गर्दन का काला पड़ना
कम खाने के बावजूद पेट की चर्बी
त्वचा का द्रव्यमान या छोटे-छोटे धब्बे एकत्रित होना
त्वचा पर

समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने और इंसुलिन प्रतिरोध से जुड़ी जटिलताओं को रोकने के लिए इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार जरूरी है. इन आसान जीवनशैली की आदतों को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करके, आप रक्त शर्करा के स्तर को कारगर ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं और समग्र कल्याण को बढ़ावा दे सकते हैं. अपने आहार या जीवनशैली में कोई भी जरूरी परिवर्तन करने से पहले किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना याद रखें

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