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Randeep Hooda ने ZEELAB से मिलाया हाथ

2023 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान में चिकित्सा व्यय की मुद्रास्फीति रेट ने आम लोगों को कड़ी भिड़न्त दी है, जो 14% तक पहुंच गई है, जो राष्ट्र में बढ़ती गरीबी का एक मुख्य कारण है. तेजी से विकासशील राष्ट्र के लिए यह निश्चित रूप से अच्छी तस्वीर नहीं है. यह बोलना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि स्वास्थ्य देखभाल की बढ़ती लागत के कारण अब अधिक जिंदगियाँ खतरे में हैं.

भले ही पीएम मोदी के नेतृत्व में गवर्नमेंट हर किसी को बहुत कम मूल्य पर अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है, लेकिन सच तो यह है कि बाजार में अब भी ज्यादातर दवाएं दस गुना से भी अधिक मूल्य पर बिक रही हैं. कीमत. महंगी दवाओं के कारण लोगों की जेब पर पड़ने वाले बोझ को कम करने और सभी को सस्ती और अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से ZEELAB फार्मेसी ने भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में प्रवेश किया है.

ZEELAB फार्मेसी रोगियों को 90% कम मूल्य पर दवाएँ प्रदान करती है. नयी दिल्ली स्थित यह कंपनी हाल ही में फिल्म ‘वीर सावरकर’ में मुख्य किरदार में नजर आए रणदीप हुडा से जुड़ी है. सावरकर से पहले हुडा ‘हाईवे’ और ‘एब्स्ट्रैक्शन’ जैसी फिल्मों में अपनी दमदार अभिनय का लोहा मनवा चुके हैं. इस कंपनी के साथ जुड़कर हुडा काफी उत्साहित नजर आए और उन्हें आशा है कि यह साझेदारी राष्ट्र के लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाएगी.

सवाल यह है कि ज़ीलैब को ऐसा करने की प्रेरणा कहां से मिली? इसका उत्तर सिर्फ़ कुछ शब्दों में निहित है- “भारतीय दवा उद्योग में क्रांति लाना.” लेकिन इस क्रांति को लाने का मकसद उन उपायों को अपनाना एकदम नहीं है, जिनका खर्च लोग वहन नहीं कर सकते बल्कि इस क्रांति का उद्देश्य एक किफायती विकल्प प्रदान करना है. इसका उद्देश्य सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं मौजूद कराना है, जो डब्ल्यूएचओ के मानकों के अनुरूप हों.

अब तक, ZEELAB ने राष्ट्र भर में 200 से अधिक कंपनी आउटलेट और 2000 फ्रेंचाइजी स्टोर खोले हैं. हर महीने 20 हजार से अधिक औनलाइन ऑर्डर और 200,000 से अधिक ऐप डाउनलोड के साथ, जीलैब राष्ट्र में सबसे बड़ा जेनरिक औनलाइन स्टोर बनने की ओर अग्रसर है.

ZEELAB के बड़े सपनों की उड़ान भरने और हर बाधा को पार करने का जुनून इसके संस्थापक रोहित मुकुल के कारण है. लंदन विद्यालय ऑफ इकोनॉमिक्स से स्नातक करने वाले इस युवा उद्यमी ने हिंदुस्तान के फार्मास्युटिकल उद्योग को बदलने की दृष्टि से पांच वर्ष पहले ZEELAB फार्मेसी की स्थापना की थी.

रोहित मुकुल की योजना अगले 3 सालों में राष्ट्र भर में ZEELAB के 2 हजार से अधिक कंपनी आउटलेट और 5 हजार फ्रेंचाइजी स्टोर खोलने और इसे हर महीने 2 लाख औनलाइन ऑर्डर प्राप्त करने वाली कंपनी बनाने की है.

ज़ीलैब के बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में रोहित कहते हैं, ”बाज़ार पर दबदबा बनाने के लिए” ज़ीलैब एक तेजी से बढ़ती कंपनी है. यह कंपनी अपनी गति और क्वालिटी के दम पर भारतीय दवा उद्योग का चेहरा हमेशा के लिए बदलने के लिए तैयार है.

लेकिन ZEELAB का मानना है कि वह भारतीय दवा उद्योग की दिशा बदलने की नींव रख सकती है लेकिन अकेले ऐसा नहीं कर सकती. यही वजह है कि उन्होंने अपने मिशन के साथ रणदीप हुडा जैसे लोगों को भी जोड़ा है अपनी सामाजिक सक्रियता के लिए प्रसिद्ध यह अदाकार अब हिंदुस्तान में कम मूल्य पर दवाएं मौजूद कराने के मिशन से भी जुड़ गया है. रणदीप कहते हैं, ”भारत में 100 प्रतिशत जेनेरिक दवा बाजार है हिंदुस्तान में बिकने वाली लगभग सभी दवाएँ जेनेरिक दवाएँ हैं, फिर भी मूल्य में अंतर क्यों है?”

ZEELAB फार्मेसी का आगमन भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग में एक सकारात्मक परिवर्तन का संकेत देता है, जहां अब दवाएं यूरोप, अमेरिका और पश्चिमी राष्ट्रों की तरह उनके कंपोजीशन नामों से बेची जाएंगी. ZEELAB का लक्ष्य दवा की कीमतों को किफायती बनाना और हर किसी के बजट में फिट करना है. ZEELAB 90% कम कीमतों, सर्वोत्तम गुणवत्ता नियंत्रण और दवाओं की उसी दिन डिलीवरी के साथ लगातार अपने रोगियों का दिल जीत रहा है. GLab के विस्तार से हमें आशा है कि भविष्य में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी और भी कंपनियां इसके मिशन से जुड़ेंगी.

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