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पंकज त्रिपाठी ने कहा- ‘मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम मेरे प्रिय हैं और मैं…

पंकज त्रिपाठी ने बोला कि वे चुपके से किसी दिन रामलला का दर्शन कर आएंगे उन्होंने यह भी बोला कि यदि किसी फिल्म मेकर ने उन्हें प्रभु श्रीराम का रोल ऑफर किया तो वे खुशी-खुशी मान जाएंगे

पंकज ने बोला कि उनकी उम्र अधिक हो गई है, फिर भी उन्हें श्रीराम का भूमिका निभाने में कोई विरोध नहीं है पंकज त्रिपाठी इन दिनों अपनी फिल्म ‘मैं अटल हूं’ से चर्चा में हैं फिल्म 19 जनवरी को रिलीज हो रही है पंकज ने फिल्म में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का भूमिका निभाया है

पंकज त्रिपाठी ने अपनी फिल्म, राम मंदिर उद्घाटन समारोह, इलेक्शन कमीशन के नेशनल आइकॉन पद से त्याग-पत्र और अपनी व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी कई चीजों पर दैनिक मीडिया से वार्ता की है

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम मेरे प्रिय हैं, मैं उनका ही रोल करना चाहूंगा
क्या आप रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे? उत्तर में पंकज त्रिपाठी ने कहा, ‘मैं पूर्वांचल का ही रहने वाला हूं किसी दिन चुपके से जाकर दर्शन कर आऊंगा मैं तीर्थ स्थानों का दर्शन दुनिया की नजरों से दूर जाकर कर लेता हूं वहां सपरिवार चिंतन-मनन करता हूं

पंकज त्रिपाठी से पूछा गया कि यदि उन्हें रामायण के किसी एक कैरेक्टर का रोल निभाना हो तो वो कौन होगा उन्होंने कहा, ‘मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम मेरे प्रिय हैं मैं उनका ही रोल करना चाहूंगा हालांकि मैं अब उस एज ग्रुप का नहीं हूं मेरी उम्र 48 वर्ष हो चुकी है हम लोग यंग श्रीराम की ही कल्पना करते हैं इसके बावजूद यदि किसी फिल्म मेकर ने मुझ पर विश्वास जताया तो मैं हमेशा तैयार हूं

बता दें कि 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में तकरीबन 7500 लोगों को न्योता दिया गया है फिल्मी जगत से भी कई लोग इसमें आमंत्रित हैं इनमें अमिताभ बच्चन, रजनीकांत, प्रभास, रणबीर कपूर-आलिया भट्ट, कंगना रनोट और रणदीप हुड्डा जैसे स्टार्स शामिल हैं

अगर पंकज इंकार कर देते तो अटल जी पर फिल्म नहीं बनती
जब पहली बार अटल जी का भूमिका निभाने का ऑफर आया तो पंकज त्रिपाठी के जेहन में क्या चल रहा था उत्तर में उन्होंने कहा, ‘बहुत चिंतित था संशय था कि अटल जी के भूमिका के साथ इन्साफ कर पाऊंगा की नहीं

प्रोड्यूसर विनोद भानुशाली ने बोला कि यदि आप फिल्म में काम करेंगे तभी इसे बनाएंगे अन्यथा बंद कर देंगे वैसे अटल बिहारी वाजपेयी मेरे पसंदीदा राजनेता रहे थे, यही सोचकर मैंने फिल्म के लिए हां बोल दिया

अटल जी की किन बातों ने पंकज को सबसे अधिक प्रभावित किया?
अटल जी की किन बातों ने पंकज को प्रभावित किया? अभिनेता ने कहा, ‘अटल जी का लोकतांत्रिक व्यवहार मुझे काफी आकर्षित करता था इसी वजह से विरोधी भी उनके प्रशंसक थे

55 वर्ष का संसदीय जीवन, एक अति साधारण परिवार से आने वाले अटल जी को सुनने लाखों लोग मैदान में आते थे उस समय सोशल मीडिया भी नहीं था लोग उनकी रैलियों में जाते थे और भाषण सुनकर 10 लोगों को बताते थे वही 10 लोग उन बातों से प्रभावित होकर अटल जी की अगली रैली में जाते थे

पंकज ने अटल जी के बारे में एक दिलचस्प किस्सा सुनाया उन्होंने कहा, ‘एक बार अटल जी से मिलने लता मंगेशकर उनके आवास आईं लता जी को आधे घंटे का समय मिला था मीटिंग समाप्त होने के बाद अटल जी से किसी ने पूछा कि दोनों के बीच क्या बातें हुईं

अटल जी ने बोला कि कुछ बातें नहीं हुईं हम दोनों शांत बैठे थे आधे घंटे बाद जब लता जी निकलीं तो उनसे भी किसी ने यही प्रश्न किया लता जी ने बोला कि वो पीएम हैं, उनसे कोई क्या ही बात करेगा दिलचस्प बात यह थी कि दोनों ने एक दूसरे से कुछ कहा-सुना ही नहीं

एक समय पर खूब बातूनी पंकज आज चार-चार घंटे मौन रहते हैं
पंकज त्रिपाठी एक समय पर बहुत बातूनी हुआ करते थे, लेकिन अब उन्हें चुप रहना अधिक पसंद है यह बात स्वयं पंकज ही कह रहे हैं समझाते हुए उन्होंने कहा, ‘अब मैं दिन में चार-चार घंटे शांत रहता हूं मुझे मौन रहना बहुत पसंद है टेलीफोन स्विच ऑफ करके साइड में रख देता हूं

पहले लगता था कि यदि कुछ बोलूंगा तो वो दूसरों के जीवन में परिवर्तन लाएगा मेरा यह भ्रम टूट चुका है इंटरनेट पर दूसरों की बात सुनकर कोई अपनी सोच नहीं बदलता आपकी बात किसी को प्रभावित करेगी, यह सोचना बेवकूफी है

हमारे समय पर गूगल मैप नहीं था, फिर भी हम रास्ते खोज लेते थे ऐसे ही आज के समय में यदि आपको कुछ करना है तो कहीं न कहीं राह खोज लेंगे इसके लिए आपको किसी मोटिवेशनल स्पीकर या गाइड की आवश्यकता नहीं है

पंकज ने कहा- काम अधिक कर रहा हूं, अब आराम की जरूरत
पहले पंकज त्रिपाठी साइड रोल या सपोर्टिंग रोल में ही अक्सर देखे जाते थे अब कुछ समय से वे सोलो फिल्में करते नजर आ रहे हैं उनके कंधों पर जिम्मेदारियां भी काफी बढ़ गई हैं ऐसे में इसे डील कैसे करते हैं? उत्तर में पंकज कहते हैं, (मुस्कुराते हुए) ‘मैं एक छोटा सा जिम बना रहा हूं, उसमें कंधे कैसे मजबूत रखने हैं, वो एक्सरसाइज कर रहा हूं खैर, यह मजाक की बात हो गई, लेकिन सच बता रहा हूं, मेरे कंधों पर कोई जिम्मेदारी नहीं है

मेरा काम एक्टिंग करना है बाकी सारी चीजें मैं पीछे छोड़ देता हूं हां, एक बात जरूर है कि मुझे अब अपने ऊपर भी ध्यान देना पड़ेगा काम अधिक कर रहा हूं, इसे थोड़ा कम करना पड़ेगा

खुद के लिए और परिवार के लिए थोड़ा समय निकालना पड़ेगा बाकी कंधे वाली बात मजाक में कही जरूर थी, लेकिन यह सच्चाई है कि मेरा कंधा काफी कमजोर हो गया है इसे ठीक करने के लिए व्यायाम वगैरह करने की आवश्यकता है

पंकज ने करियर की आरंभ में रन, अपहरण, ओमकारा, रावण और आक्रोश जैसी फिल्मों में छोटा-मोटा रोल किया उन्हें बड़े ब्रेक की तलाश थी इस बीच उन्होंने टीवी शोज में काम भी किया

2010 में उनके पास गैंग्स ऑफ वासेपुर के ऑडिशन के लिए कॉल आया सुल्तान कुरैशी के रोल के लिए पंकज ने 9 घंटे तक ऑडिशन दिया इसके बाद जो हुआ वो इतिहास गवाह है सुल्तान कुरैशी के रोल से उन्हें वो पहचान मिली, जिसके वे हमेशा से हकदार थे

आज पंकज एक मेन स्ट्रीम अभिनेता बन चुके हैं मिर्जापुर जैसी फेमस सीरीज उनके नाम पर जानी जाती है पिछले वर्ष आई OMG-2 में उन्होंने अक्षय कुमार जैसे बड़े स्टार को ओवरशैडो कर दिया था

ये सीन फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर का है फिल्म में पंकज त्रिपाठी ने सुल्तान कुरैशी का भूमिका निभाया था 9.20 करोड़ में बनी इस फिल्म ने 27.85 करोड़ का कलेक्शन किया था वहीं फिल्म का दूसरा पार्ट गैंग्स ऑफ वासेपुर का बजट भी 9.20 करोड़ रुपए था और इसने 31.21 करोड़ की कमाई की थी

भ्रम की स्थिति न बने, इसलिए छोड़ा पद
पंकज त्रिपाठी ने इलेक्शन कमीशन के नेशनल आइकॉन पद से त्याग-पत्र देने के निर्णय पर भी बात की उन्होंने कहा, ‘नेशनल आइकॉन उसे ही बनाया जाता है जिसका किसी सियासी दल से संबंध न हो वैसे मैं एक राजनेता की बायोपिक कर रहा हूं, वो राजनेता किसी एक विशेष दल से संबंध रखता था

भ्रम की स्थिति न बने, इसलिए मैंने वो पद छोड़ दिया लोग यह न कहें कि मैं एक तरफ लोगों को मतदान के लिए सतर्क कर रहा हूं, वहीं दूसरी तरफ एक राजनेता की बायोपिक कर रहा हूं मैंने ट्रेलर लॉन्च के दो दिन पहले ही इलेक्शन कमीशन को मेल कर दिया था, जो अब स्वीकार हुआ है

इस बार की स्ट्रगल स्टोरी में एक नए भूमिका की तलाश में था मैं उस शख्स की कहानी को शब्दों में पिरोना चाहता था, जिससे संघर्ष के हर पन्ने को एक आम आदमी भी कहीं ना कहीं महसूस कर सके और मेरी ये तलाश अभिनेता पंकज त्रिपाठी पर जाकर समाप्त हुई

हमारी वार्ता टेलीफोनिक ही रही बिजी शेड्यूल के कारण जूम से जुड़कर या मिलकर वार्ता करने में वो असमर्थ थे हालांकि, इस वार्ता के दौरान वो यात्रा में ही थे जब हमारी बात प्रारम्भ हुई तो वो कार से वर्सोवा जेट्टी जाने के लिए निकल चुके थे

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