अनुपमा-अनुज के मिलन से श्रुति पर टूटेगा दुखों का पहाड़
एपिसोड की आरंभ होती है जो आध्या से पूछती है कि आध्या कहां है तो वह बताती है कि वह अपने कमरे में है। तभी आध्या बोलती है कि आप अनुज के साथ डेट पर जाने के लिए स्पेशल ड्रेस पहनना। आध्या फिर कहती है कि जल्द से जल्द आप दोनों विवाह कर लो कहीं देर ना हो जाए। श्रुति कहती है कि वह अपने मम्मी-पापा से बात करेगी। आध्या और अनुज, श्रुति के बर्थडे के गिफ्ट्स पैक करते हैं तभी आध्या कहती है कि आप कार्ड पर श्रुति के लिए अच्छी शायरी लिख दो। अनुज के पास तभी अनुपमा का टेलीफोन आता है। वह कहती है कि सॉरी तब मैं बात करने के लिए तैयार नहीं थी पर अब हूं। हमें मिलना चाहिए, मिलकर बात करनी चाहिए। कल मिल सकते हैं क्या हम। अनुज खुश हो जाता है और वह तैयार हो जाता है मिलने के लिए।
अनुपमा को सुनता है अनुज
अनुपमा टेलीफोन रखने वाली होती है कि अनुज कहता है कि अनु कुछ तो कह दो प्लीज। अनुपमा पूछती है क्या तो अनुज कहता है कुछ भी। कभी-कभी केवल बाय काफी नहीं होता न इसलिए। अनुपमा कहती है कि कल का प्रतीक्षा करूंगी। अनुज कहता है मैं भी। अनुपमा टेलीफोन कट नहीं करती है और अनुज हर आहट को सुनता है।
वहीं किंजल के घर में तोषू के दोस्त आए हुए होते हैं जो ड्रिंक करते हैं। डिम्पी उन्हें देखकर दंग हो जाती है। वह बेटी परी को वहां से दूर करती है और तोषू को कहती है कि अपने दोस्तों को यहां से लेकर जाओ।
अनुज पर आध्या को शक
तभी आध्या वहां आती है और कहती है कि आप किसी से बात कर रहे हो क्या तो अनुज कहता है नहीं वह म्यूजिक सुन रहा है। आध्या, अनुज को देखती रहती है। आध्या, अनुज से श्रुति के गिफ्ट्स मंगाने के बहाने उसका टेलीफोन चेक करती है, लेकिन देखती है कि अनुज ने पासवर्ड चेंज कर दिया। आध्या को संदेह होता है कि कहीं अनुज, अनुपमा से बात तो नहीं करने लग गया। अनुज सोचता है कि वह श्रुति को सब सच बताएगा, लेकिन उसके बर्थडे के बाद।
अनुपमा ने छोड़ा यशदीप का घर
अनुपमा अपना बैग पैक करके यशदीप के घर से चली जाती है। वह कहती है कि मुझे अब अकेले रहना है।
वनराज ने की डिम्पी की विवाह की बात
वनराज के घर में एक पड़ोसी आती है जो डिम्पी के लिए रिश्ता लेकर आती है, लेकिन वनराज उसे भगा देता है। वनराज कहता है कि डिम्पी की जीवन को लेकर जो निर्णय हैं वो मैं स्वयं लूंगा।
बा कहती है कि मैं डिम्पी को दूर नहीं करना चाहती क्योंकि मैं समर्थ के बेटे को दूर नहीं कर सकती। बापू जी कहते हैं कि यदि डिम्पी अपनी लाइफ में आगे बढ़ना चाहती हो तो। बा सोच में पड़ जाती है।
वनराज वहीं काव्या से बात करता है और कहता है कि वह डिम्पी की विवाह के लिए तैयार है, लेकिन वह घर जवाईं ले आएगा। काव्या कहती है कि टीटू और डिम्पी की विवाह से क्या परेशानी है तो वनराज कहता है कि वह टीटू को पसंद नहीं करता है। काव्या कहती है कि तुम किसी का भी हाथ किसी को दे दोगी। इससे लाख बेहतर है टीटू क्योंकि वह फैमिली मैन है और हमें डिम्पी और टीटू के पास रखेगा।