Maharani 3 Review: जानें कैसी है हुमा कुरैशी की ये वेब सीरीज…
OTT Political Thriller Web Series: ‘महारानी 3’…सियासत के लिहाज से बिहार हमेशा से एक अहम सूबा रहा है और यहां होने वाली राजनीति अक्सर चर्चा का विषय बनी रही है। सोनी लिव की वेब सीरीज ‘महारानी 3’ की कहानी बिहार की राजनीति में दर्ज इन्हीं राजनीतिक खेलों से प्रेरित है। तीसरे सीजन में मुख्य रूप शराब काण्ड को हाईलाइट किया गया है। चलिए आपको बताते हैं कि हुमा कुरैशी की ये वेब सीरीज कैसी है।
कुछ ऐसी है वेब सीरीज की कहानी
तीसरे सीजन की आरंभ वहीं से होती है जहां दूसरा सीजन समाप्त हुआ था। रानी भारती (हुमा कुरैशी) अपने पति और बिहार के पूर्व सीएम भीमा भारती (सोहम शाह) की मर्डर के इल्जाम में कारावास पहुंच गई हैं। वहीं नवीन कुमार (अमित सियाल) सीएम बन बिहार को ऊंचाइयों पर ले जाने का दावा कर रहे हैं। रानी भारती के साथी और राजनीति के पुराने खिलाड़ी सत्येंद्रनाथ मिश्रा उन्हें कारावास से बाहर निकालने की बहुत प्रयास करते हैं। किंतु रानी भारती बेल पर कारावास से बाहर आने से इंकार कर देती हैं। वह कहती हैं कि उन्हें कारावास में ही रहकर अपनी पढ़ाई पूरी करनी है। हालांकि, रानी के ये कहते ही बाहरी दुनिया में कुछ ऐसा हो जाता है जिसकी किसी ने कल्पना भी न की हो। इस काण्ड की वजह से रानी भारती को विवश होकर बेल पर बाहर आना पड़ता है और रानी के बाहर कदम रखते ही बिहार की राजनीति का खेल पलट जाता है। आगे क्या होता है वो जानने के लिए आपको आठ एपिसोड की यह वेब सीरीज देखनी पड़ेगी।
लाजवाब है हर एक भूमिका की एक्टिंग
रानी भारती के भूमिका में हुमा कुरैशी ने आपने आपको जिस ढंग से ढाला है वह काबिले प्रशंसा है। साउथ दिल्ली की होने के बावजूद वह जिस ढंग से बिहारी भाषा बोलती हैं वह कमाल है। भीमा भारती बने सोहम शाह, नवीन कुमार बने अमित सियाल, गौरी शंकर पांडे बने विनीत कुमार, कावेरी श्रीधरन बनीं कानी कुश्रुति, मार्टिन इक्का बने दिब्येंदु भट्टाचार्य और कीर्ति सिंह बनीं अनुजा साठे ने बहुत ही उम्दा काम किया है।
मजेदार है पॉलिटिकल थ्रिलर सीरीज का क्लाइमेक्स
वेब सीरीज का डायरेक्शन अच्छा, सिनेमेटोग्राफी भी कमाल की है और बैकग्राउंड म्यूजिक भी दिलचस्प है। इसी वजह से वेब सीरीज का क्लाइमेक्स भी जोरदार है। पहले और दूसरे सीजन में रानी भारती के तेवर देखने के बाद ये तो विश्वास रहता है कि वो चुप नहीं बैठेगी, लेकिन एक पांचवीं फेल ऐसा खेल खेल जाएगी ये किसी के दिमाग में नहीं आता है।
यहां खा गई मात
‘महारानी’ का तीसरा सीजन कहानी में मात खा गया। आरंभ के चार एपिसोड में कहानी बहुत स्लो लगी। वहीं अंतिम के चार एपिसोड में ऐसा लगा कि कहानी को जल्दबाजी में बस निपटा दिया गया है। पहले और दूसरे सीजन में जो थ्रिल था तीसरे सीजन ने कहीं न कहीं उसकी भी कमी लगी। इसका एक कारण हुमा और सोहम को दिया गया कम स्क्रीन टाइम भी हो सकता है।
देखें या नहीं?
किरदारों की अभिनय और धमाकेदार क्लाइमेक्स देखने के लिए लोगों को ‘महारानी’ का तीसरा सीजन जरूर देखना चाहिए। हालांकि, यदि आप तीसरे सीजन से पहले और दूसरे सीजन जितना ड्रामा एक्सपेक्ट कर रहे हैं तो आपके हाथ केवल निराशा के अतिरिक्त और कुछ नहीं लगेगा।