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1 करोड़ रुपये से भी कम लागत में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 5 करोड़ रुपये से ज्यादा का किया बिजनेस

अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा और धर्मेंद्र स्टारर फिल्म दोस्त अपनी रिलीज के 50 वर्ष पूरे कर रही है. दुलाल गुहा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा और धर्मेंद्र के साथ हेमा मालिनी भी अहम किरदार में थीं. यह फिल्म वर्ष 1974 में रिलीज हुई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1 करोड़ रुपये से भी कम लागत में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 5 करोड़ रुपये से अधिक का बिजनेस किया था. बिजनेस के अतिरिक्त इस फिल्म की जो बात सबसे अधिक चर्चा में रही वो थे शत्रुघ्न सिन्हा, जिन्होंने फिल्म में गोपीचंद यानी गोपी शर्मा का भूमिका निभाकर खूब सुर्खियां बटोरीं.

फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा का ये भूमिका नेगेटिव था, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया. हालाँकि, यह पहली बार नहीं था कि शत्रुघ्न सिन्हा खलनायक का भूमिका निभाने को लेकर चर्चा में थे. इससे पहले भी शत्रुघ्न सिन्हा के कई खलनायक किरदारों ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं. आइए हम आपको इनके बारे में बताते हैं. दरअसल, शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने अभिनय करियर की आरंभ 70-80 में की थी. शत्रुघ्न सिन्हा ने वर्ष 1969 में फिल्म ‘प्यार ही प्यार’ से डेब्यू किया था. फिल्म में उन्होंने विलेन का भूमिका निभाया था इसमें उनके साथ धर्मेंद्र भी नजर आए थे धर्मेंद्र के होते हुए भी शत्रुघ्न की अभिनय ने दर्शकों का ध्यान खींचा और जल्द ही उन्हें एक के बाद एक फिल्मों में मौके मिलने लगे.

अपने करियर की आरंभ में शत्रुघ्न ने फिल्मों में विलेन या साइड रोल निभाकर अपने एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीता. अभिनेता ने ‘प्यार ही प्यार’, ‘रामपुर का लक्ष्मण’, ‘भाई हो तो ऐसा’, ‘हीरा’ और ‘ब्लैकमेल’ जैसी कई फिल्मों में छोटी और सहायक भूमिकाएं निभाईं. इसके बाद उन्होंने खलनायक की किरदार निभाकर अपनी पहचान बनाई और एक के बाद एक कई बहुत बढ़िया भूमिका निभाए, जिनमें ‘मेरे अपने’, ‘सबक’, ‘खिलौना’, ‘आ गले लग जा’, ‘झील के उस पार’ शामिल हैं. ‘, ‘जुआरी’. , ‘रास्ते का पत्थर’ और ‘बॉम्बे टू गोवा’. लेकिन शत्रुघ्न सिन्हा की किस्मत वर्ष 1976 में बदल गई, जब उन्हें फिल्म ‘कालीचरण’ मिली. इस फिल्म में उन्होंने दर्शकों को चौंका दिया था शत्रुघ्न ने इंडस्ट्री के निर्देशकों क आश्वस्त किया कि वह न सिर्फ़ नकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं बल्कि मुख्य भूमिकाएं भी अच्छे से निभा सकते हैं और बड़े-बड़े स्टार्स को भिड़न्त दे सकते हैं.

गौरतलब है कि शत्रुघ्न सिन्हा की ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई थी इस फिल्म के बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. कालीचरण की कामयाबी के बाद 80-90 के दशक में शत्रुघ्न मेकर्स की पहली पसंद बन गये. इस दौरान उन्होंने ‘खान दोस्त’, ‘यारों का यार’, ‘दिल्लगी’, ‘विश्वनाथ’, ‘मुकाबला’, ‘जानी दुश्मन’ और ‘काला पत्थर’ जैसी कई हिट फिल्में दीं और एक विश्वसनीय एक्शन हीरो बन गए. हीरो बनने के बाद शत्रुघ्न ने अपनी फिल्मों से हिंदी सिनेमा के इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया.

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