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रंजीत बोले- ‘मेरा नाम जोकर’ की हीरोइन को गोद में बिठाकर सीन समझाते थे राज कपूर

एक्टर रंजीत ने 70 और 80 के दशक में फिल्मों में विलेन बनकर प्रसिद्ध हुए. हीरो के सामने वह एक दमदार खलनायक के रूप में होते थे. वह अपनी अभिनय से इस कदर कारगर थे कि असल जीवन में आम लोग उनसे डरने लगे थे. रंजीत ने करीब 200 से अधिक हिंदी फिल्मों में काम किया. इसके अतिरिक्त वह टीवी पर भी एक्टिव रहे. एक साक्षात्कार में उन्होंने राज कपूर से जुड़ा किस्सा कहा जब वह ‘मेरा नाम जोकर’ बना रहे थे.

जब पहली बार राज कपूर के स्टूडियो पहुंचे

‘शो मैन’ के नाम से प्रसिद्ध राज कपूर के बारे में रंजीत ने कहा कि ‘मेरा नाम जोकर की हीरोइन को गोद में बैठाकर उन्होंने कहानी नैरेट की थी. एएनआई के साथ वार्ता में रंजीत ने राज कपूर से उनके स्टूडियो में पहली मुलाकात को याद किया. उन्होंने कहा, ‘जब मैंने स्टूडियो में प्रवेश किया तो मैंने उनकी (राज कपूर) फिल्मों काम कर चुकीं सभी एक्ट्रेसेस का बड़ा कट-आउट लगा हुआ देखा.

‘गुड लुकिंग थे राज कपूर’

रंजीत ने बोला कि राज कपूर स्क्रीन पर वैसे ही बोलते थे जैसे वह असल जीवन में बोलते थे. उन्होंने कहा, ‘जैसे ही वह आए उन्होंने कहा, सॉरी गोली जी, वह बहुत गुड लुकिंग थे. उनका रंग गोरा था और गाल लाल थे. उनकी आंखें हल्के कलर की थीं.

‘गोद में बिठाकर सुनाते थे स्टोरी’

उन्होंने आगे कहा, ‘मेरा नाम जोकर पिक्चर थी ना… उसकी हीरोइन.‘ रंजीत ने याद करते हुए उस समय का जिक्र किया जब राज कपूर ने उन्हें उन दिनों का एक एलबम दिखाया था. उन्होंने आगे कहा, ‘उन्होंने हमसे कहा, मेरा नाम जोकर की हीरोइन को गोद में बैठाकर सीन समझाया है. ऐसा करते समय वह फ्लर्ट नहीं करते थे. जब वह अदाकारा को अपनी गोद में बैठने के लिए कहते थे तो वह उन्हें ‘पुत्तर’ (बेटी) कहकर बुलाते थे.

फिल्म के मुख्य कलाकार

‘मेरा नाम जोकर’ में सिमी गरेवाल, ऋषि कपूर, धर्मेंद्र, मनोज कुमार, दारा सिंह, सेनिया रेबेंकीना और पद्मिनी थीं. फिल्म जब रिलीज हुई तो फ्लॉप हो गई थी. हालांकि बाद में इसे पसंद किया गया और यह कल्ट क्लासिक बन गई.

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