अमीषा पटेल की इस मामले में बढ़ीं मुश्किलें, कोर्ट ने दिया आखिरी मौका
Ameesha Patel Fraud Case: धोखाधड़ी मुद्दे में मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री अदाकारा अमीषा पटेल की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। असल में पैसे लेकर फिल्म नहीं करने, फर्जीवाड़ा और चेक बाउंस से जुड़े एक मुद्दे में रांची की सिविल न्यायालय ने अमीषा पटेल और उनकी कंपनी के बिजनेस पार्टनर कुणाल ग्रूमर को सशरीर मौजूद होकर बयान दर्ज कराने के लिए अंतिम मौका दिया है। फिल्म अदाकारा को मंगलवार को न्यायालय में मौजूद होना था, लेकिन, वह नहीं आईं। उनके अधिवक्ता ने इसके लिए निजी कारणों का हवाला देते हुए समय की मांग की। इस पर शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने विरोध जताते हुए बोला कि उनकी ओर से बार-बार समय मांगकर मुद्दे को लटकाया जा रहा है।
असल में रांची के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट डीएन शुक्ला की न्यायालय ने उन्हें अंतिम मौका देते हुए अगली तारीख में न्यायालय में मौजूद होकर सीआरपीसी की धारा 313 के अनुसार बयान दर्ज कराने का आदेश दिया है।
क्या है पूरा मामला।।
यह मुद्दा साल 2018 का है। रांची के फिल्म निर्माता अजय कुमार सिंह ने अमीषा पटेल के विरुद्ध मुद्दा दर्ज कराया था। इसमें उन्होंने इल्जाम लगाया है कि म्यूजिक मेकिंग के नाम पर अमीषा पटेल ने उनसे 2.5 करोड़ रुपये लिए थे। पैसे लेने के बाद भी उन्होंने म्यूजिक मेकिंग की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। इसके साथ ही अमीषा पटेल पर फिल्म ‘देसी मैजिक’ बनाने के नाम पर अजय सिंह से 2.5 करोड़ रुपए ऐंठने का भी इल्जाम लगाया गया है।
कई बार समन जारी हुआ।।
बताया गया है कि दोनों के बीच जो कांट्रैक्ट हुआ था, उसके मुताबिक जब फिल्म जून 2018 में रिलीज नहीं हुई तो अजय ने अमीषा से पैसे की मांग की। काफी टालमटोल के बाद अक्टूबर 2018 में 2.5 करोड़ एवं 50 लाख रुपए के दो चेक दिए, जो बाउंस हो गए। इस मुद्दे में अमीषा पटेल को उपस्थिति के लिए कई बार समन जारी हुआ था,।
इसके बावजूद वह न्यायालय में स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से मौजूद नहीं हो रही थीं। वारंट जारी होने के बाद बीते वर्ष 19 जून को उन्होंने सिविल न्यायालय में सरेंडर किया था। सुनवाई के बाद न्यायालय ने उन्हें 10 हजार के दो बेल बांड पर जमानत दे दी थी।
मामले में नरम पड़ीं अमीषा
वहीं मुद्दे में अब अमीषा पटेल नरम पड़ती दिख रही हैं। उन्होंने न्यायालय के समक्ष पैसे लौटाने की ख़्वाहिश व्यक्त की है। अमीषा ने न्यायालय के समक्ष 3 करोड़ रुपये के बजाय 2 करोड़ 75 लाख रुपये पांच किस्तों में लौटाने का प्रस्ताव रखा है।
कोर्ट कार्यवाही में हाजिर होना जरूरी
हालांकि, न्यायालय ने बोला है कि सीआरपीसी 313 के अनुसार न्यायालय कार्यवाही में हाजिर होना महत्वपूर्ण है। न्यायालय ने अमीषा की व्यस्तता को स्वीकार किया है, लेकिन साथ ही यह भी बोला है कि वे न्यायालय की कार्यवाही को नजरअंदाज नहीं कर सकतीं।