Festive Season में इस बार महंगाई से मिल सकती है राहत
फेस्टिव सीजन प्रारम्भ होने वाला है। इस बार के फेस्टिव सीजन में आपको महंगाई से राहत मिल सकती है। इसके साथ ही किचन और खाने-पीने की कीमतों में बढ़ोत्तरी होने की आशा नहीं है। उद्योग जगत के एक्सपर्ट का बोलना है कि गवर्नमेंट द्वारा उठाए गए कठोर कदमों के कारण पीक फेस्टिवल सीजन के दौरान रसोई के मुख्य उत्पादों की खुदरा कीमतें कंट्रोल में रहने की आशा है।
केंद्र गवर्नमेंट ने हाल ही में कई सामानों के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया है। इसके साथ ही स्टॉक होल्डिंग की लिमिट भी लगा दी गई है। गवर्नमेंट के इन सभी फैसलों का लाभ त्योहारों में आम जनता को होगा।
निर्यात पर लगाया प्रतिबंध
हालांकि, खाद्य मुद्रास्फीति ऊंची है, लेकिन गवर्नमेंट द्वारा निर्यात प्रतिबंध और स्टॉक होल्डिंग सीमा लगाने के साथ-साथ क्षेत्रीय बाजार में गेहूं, चावल, चना और प्याज को उतारने जैसे कई कदम उठाने के बाद हाल की महंगाई कम होना प्रारम्भ हो गई है।
फेस्टिव सीजन में बढ़ती है डिमांड
हमेशा त्योहारी सीजन के दौरान चीनी, आटे और ऑयल की सबसे अधिक खपत होती है। इकोनॉमिक टाइम्स की समाचार के मुताबिक, त्योहारी सीजन ओणम से प्रारम्भ हो जाता है और इस बाद क्रिसमस तक खाने वाले सामान की कीमतों में बढ़ोत्तरी रहता है, लेकिन इस बार कीमतों में बढ़ोत्तरी होने की आसार कम है। गेहूं का आटा, बेसन, डेयरी आइटम, खाना पकाने का ऑयल और चीनी की कीमतें स्थिर रहने की आशा है। उन्होंने बोला कि नए चीनी सीजन की मिठास दीपावली से पहले बाजार में पहुंच जाएगी।
पराग मिल्क फूड्स के मैनेजिंग डायरेक्टर ने दी जानकारी
इकोनॉमिक टाइम्स की समाचार के मुताबिक, पराग मिल्क फूड्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अक्षाली शाह ने बोला है कि पिछले वर्ष तेज ग्रोथ के बाद में अब दूध की कीनमतें स्थिर हो गई हैं। उन्होंने बोला कि हमे त्योहारों की वजह से घी, दूध जैसे प्रोडक्ट की खपत अधिक होने की वजह से इस बार कीमतों में बढ़ोतरी की कोई आशा नहीं है।
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने सितंबर में कही थी ये बात
सितंबर में खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बोला था कि गवर्नमेंट को त्योहारी सीजन के दौरान किसी भी खाद्य पदार्थ की कीमतों में तेज वृद्धि की आशा नहीं है।