क्या सच में BYJU’s से होगी रवींद्रन की छुट्टी, आखिर किस गलती की मिल रही सजा
नई दिल्ली: कभी राष्ट्र में स्टार्टअप की दुनिया का बादशाह कहे जाना वाला औनलाइन ट्यूटरिंग कंपनी BYJU’s अब अपने ढ़लान में जाता दिख रहा है। दरअसल इस कंपनी मचे नए घमासान के मुताबिक कंपनी के शेयरहोल्डर्स ने बीते शुक्रवार को कंपनी में ‘मिस-मैनेजमेंट और फेलियर्स’ को लकर एक असाधारण आम सभा (EGM) हुई।इसमें शेयर होल्डर्स ने कंपनी के ही फाउंडर बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) और उनके परिवार के सदस्यों को बाहर का रास्ता दिखाने का प्रस्ताव मंजूर कर दिया। लेकिन कंपनी ने इस बैठक और मतदान को ही ‘अमान्य’ करार दिया।
हालांकि इस EGM की खास बात ये रही कि Investors Prosus, General Atlantic और Peak XV जैसे बड़े शेयरहहोल्डर्स ने कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन और उनके परिवार के सदस्यों को बाहर निकलने का प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति दे दी। वहीँ इस पर ‘ब्लूमबर्ग’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने बीते शुक्रवार को इस मामले में बोला कि, बायजूस ने उन प्रस्तावों को खारिज कर दिया, जिसमें बायजूस के फाउंडर और CEO रवींद्रन को 2015 में स्थापित कंपनी के बोर्ड से हटाने की मांग की गई थी।” बयान के अनुसार, “एक्सट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग के दौरान चुनिंदा शेयरहोल्डर्स के एक छोटे ग्रुप ने हिस्सा लिया था। ऐसे में इस ग्रुप द्वारा कोई भी रेजोल्यूशन पास करना अमान्य और अप्रभावी है। “
दरअसल स्टार्टअप कंपनी बायजूस में निवेश करने वाले प्रमुख 6 निवेशकों ने ही ये EGM बुलाई थी। वही बायजू रवींद्रन एवं उनके परिजनों के विरुद्ध प्रस्ताव लाए थे। हालांकि रवींद्रन और उनके परिवार ने इस बैठक का बहिष्कार किया और इससे अपनी दूरी बनाए रखी।
13 मार्च के बाद ही होगा फैसला
अब भले ही EGM में बायजू रवींद्रन और उनके परिजनों को कंपनी के बोर्ड से हटाने के पक्ष में मतदान हुआ है लेकिन ये निर्णय 13 मार्च तक लागू नहीं होगा। दरअसल कर्नाटक उच्च न्यायालय आनें वाले 13 मार्च को रवींद्रन की एक याचिका पर सुनवाई करेगा। रवींद्रन ने याचिका में कुछ निवेशकों के EGM बुलाने के कदम को चुनौती दी है।
एक इल्जाम और सब ‘तबाह’
दरअसल बायजू कंपनी पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी एक संगीन इल्जाम लगा हुआ है, जिसकी जांच अभी प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रहा है। प्रवर्तन निदेशालय ने बायजूस पर 9,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी का इल्जाम लगाते हुए कंपनी के CEO के तौर पर रवींद्रन के विरुद्ध लुकआउट नोटिस जारी कर रखा है। साथ ही उनके राष्ट्र छोड़कर जाने पर भी अभी रोक लगा रखी है। बीते वर्ष अप्रैल में प्रवर्तन निदेशालय ने रवींद्रन के घर और बायजू के ऑफिसों पर छापा भी मारा था।
2011 में पड़ी थी थी बायजूस की नींव
बीते शुक्रवार को भले ही इस EGM में कंपनी के 60% से अधिक शेयरहोल्डर्स ने कंपनी के फाउंडर और CEO बायजू रवींद्रन के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्यों को कंपनी के बोर्ड से हटाने के प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया। लेकिन अब इसका निर्णय 13 मार्च के बाद ही हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि, BYJU’s कंपनी का मूल्यांकन भी 22 अरब $ से घटाकर अब बस 5। 1 अरब $ कर दिया है।
बताते चलें कि, बायजूस की स्थापना 2011 में बायजू रवींद्रन और उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ ने की थी। देखते ही देखते बायजूस एक लर्निंग ऐप के तौर पर जबरदस्त ढंग से प्रसिद्ध हो गई। यूँ तो रवींद्रन ने स्वयं इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। लेकिनउन्होंने 2006 में विद्यार्थियों को गणित की कोचिंग देना प्रारम्भ किया। वर्ष 2015 में Byju’s लर्निंग ऐप लॉन्च किया। यह स्टार्टअप अगले 4 वर्ष में यूनिकॉर्न हो गया। सबसे बड़ी उछाल कोविड-19 काल में जब विद्यालय और कोचिंग बंद हुए तब इसमें देखने को मिला।