सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बीच रॉकेट बने अडानी के ये शेयर
सप्ताह के अंतिम व्यवसायी दिन शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय की सुनवाई के बीच गौतम अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में तेजी आई. इस वजह से अडानी समूह बाजार कैपिटल लगभग 15,000 करोड़ रुपये बढ़ गया. बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने अडानी समूह के विरुद्ध फर्जीवाड़ा के आरोपों की जांच के निवेदन वाली याचिकाओं पर सुनवाई की और अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है.
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों में नौ के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए. इसके साथ ही शुक्रवार को समूह का बाजार कैपिटल 14,786 करोड़ रुपये बढ़ गया. अडानी समूह की 10 कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण शुक्रवार को कारोबार बंद होने पर लगभग 10.26 लाख करोड़ रुपये रहा. एक दिन पहले यह आंकड़ा 10.11 लाख करोड़ रुपये था.
अडानी की किस कंपनी का क्या हाल: समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने 2.58 फीसदी बढ़ी, जिससे उसका बाजार पूंजीकरण 2.53 लाख करोड़ रुपये हो गया. इसके अतिरिक्त अडानी पावर में 4.06 प्रतिशत, अडानी टोटल गैस में 1.2 प्रतिशत, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस में 0.84 फीसदी और अडानी ग्रीन एनर्जी में 0.77 फीसदी की बढ़त हुई. अडानी समूह में केवल अंबुजा सीमेंट को गिरावट का सामना करना पड़ा और कंपनी के शेयर 0.31 प्रतिशत टूटकर बंद हुए.
सुप्रीम न्यायालय ने क्या कहा: बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने बोला कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी समूह के विरुद्ध लगे आरोपों की जांच करने वाले बाजार नियामक सेबी पर शक करने की कोई वजह नहीं है. न्यायालय ने बोला कि बाजार नियामक की जांच के बारे में भरोसा नहीं करने के लायक कोई भी तथ्य उसके समक्ष नहीं है. इसके साथ ही शीर्ष न्यायालय ने बोला कि वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट में किए गए दावों को पूरी तरह तथ्यों पर आधारित नहीं मानकर चल रहा है. पीठ ने बोला कि उसके समक्ष कोई तथ्य न होने पर अपने स्तर पर विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करना मुनासिब नहीं होगा. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने अडानी-हिंडनबर्ग मुद्दे से संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.
यह मुद्दा जनवरी में आई हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिसर्च रिपोर्ट में अडानी समूह पर शेयरों के रेट में हेराफेरी करने और फर्जीवाड़ा के आरोपों से संबंधित है. हालांकि समूह ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया लेकिन उसकी कंपनियों के शेयरों के रेट में भारी गिरावट आ गई थी.