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RBI: जानें, महंगाई और विकास रेट पर RBI के गवर्नर ने MPC की बैठक में क्या-क्या कहा…

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की लगातार सातवीं बैठक में रेपो दर में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. एमपीसी ने इसे 5:1 के बहुमत के आधार पर 6.5% पर ही बरकरार रखा है. आइए विस्तार से समझें महंगाई और विकास रेट पर केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी की बैठक के क्या-क्या कहा?

वित्तीय साल 24-25 के लिए महंगाई रेट का अनुमान 4.5% पर बरकरार रखा गया 
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त साल के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 4.5 फीसदी पर बरकरार रखा. यह पिछले वित्त साल 2023-24 के 5.4 फीसदी के अनुमान से कम है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त साल की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करते हुए बोला कि इस साल मानसून की स्थिति को सामान्य मानते हुए चालू वित्त साल के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है. पहली तिमाही में मुद्रास्फीति के 4.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.5 फीसदी रहने की आसार है.

2024-25 के लिए वृद्धि रेट का अनुमान सात फीसदी पर कायम रखा गया
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त साल 2024-25 के लिए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि रेट के अनुमान को सात फीसदी पर बरकरार रखा है. यह 2023-24 के लिए 7.6 फीसदी के अनुमान से कम है. आरबीआई ने अपनी फरवरी की मौद्रिक नीति में एक अप्रैल से प्रारम्भ होने वाले वित्त साल के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि रेट सात फीसदी रहने का संभावना व्यक्त किया था.

चालू वित्त साल की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने बोला कि ग्रामीण मांग गति पकड़ रही है और विनिर्माण क्षेत्र में लगातार वृद्धि से निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलना चाहिए.हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने बोला कि भू-राजनीतिक तनाव और अंतरराष्ट्रीय व्यापार मार्ग में व्यवधान से कुछ दिक्कतें आ सकती हैं.

दास ने बोला कि राष्ट्र की सकल घरेलू उत्पाद की असली वृद्धि रेट 2024-25 में सात फीसदी रहने का अनुमान है. जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि रेट सात प्रतिशत, सितंबर तिमाही में 6.9 फीसदी रहने का अनुमान है. चालू वित्त साल की तीसरी और चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था के सात फीसदी की रेट से बढ़ने की आशा है. इससे पहले इसी हफ्ते की आरंभ में पीएम नरेन्द्र मोदी ने बोला था कि रिजर्व बैंक को वृद्धि को ‘सर्वोच्च प्राथमिकता’ देते हुए भरोसे और स्थिरता पर ध्यान देना चाहिए.

यूपीआई के जरिए कैश डिपोजिट मशीन में नकद जमा करने का प्रस्ताव 
अब कैश डिपॉजिट मशीन (सीडीएम) के माध्यम से नकदी जमा करने के लिए मुख्य रूप से डेबिट कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है. एटीएम में यूपीआई का इस्तेमाल करके कार्ड-रहित नकद निकासी से प्राप्त अनुभवों को देखते हुए, अब यूपीआई का इस्तेमाल करके सीडीएम में नकदी जमा करने की सुविधा भी प्रदान करने का प्रस्ताव है. यह तरीका ग्राहकों की सुविधा को और बढ़ाएगा और बैंकों में मुद्रा हैंडलिंग प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाएगा.

सरकारी प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी के लिए RBI लाएगा मोबाइल एप
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) सरकारी प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी को सुगम बनाने के लिए जल्द ही एक मोबाइल ऐप पेश करेगा. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को चालू वित्त साल की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए यह प्रस्ताव किया.

नवंबर, 2021 में पेश की गई आरबीआई की रिटेल ‘डायरेक्ट स्कीम’ पर्सनल निवेशकों को केंद्रीय के साथ गिल्ट खाते बनाए रखने और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने की सुविधा प्रदान करती है. यह योजना निवेशकों को प्राथमिक नीलामी में प्रतिभूतियों को खरीदने के साथ-साथ एनडीएस-ओएम मंच के जरिये प्रतिभूतियों को खरीदने/बेचने में सक्षम बनाती है.

केंद्रीय बैंक ने बोला कि इस पहुंच को और सुगम तथा बेहतर बनाने के लिए रिटेल ‘डायरेक्ट पोर्टल’ की एक मोबाइल ऐप बनाई जा रही है. यह ऐप निवेशकों को अपनी सुविधानुसार, चलते-फिरते उपकरण खरीदने और बेचने में सक्षम बनाएगा. ऐप शीघ्र ही इस्तेमाल के लिए मौजूद होगा.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त साल की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत रेट रेपो में कोई परिवर्तन नहीं किया और इसे 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा. महंगाई को चार फीसदी पर लाने और अंतरराष्ट्रीय अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से नीतिगत रेट को यथावत रखा गया है. यह लगातार सातवां मौका है जबकि रेपो रेट में परिवर्तन नहीं किया गया है.

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