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Indian Economy: जर्मनी ने जापान को पछाड़ा

Indian Economy: एक तरफ हिंदुस्तान की इकोनॉमी तेजी से आगे बढ़ रही है इस बीच समाचार आ रही है कि जापान अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था नहीं रहा है जी हां… ये जगह अब जर्मनी ने ले लिया है जर्मनी ने जापान को पछाड़ दिया है सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में वह जर्मनी की अर्थव्यवस्था के आकार से पीछे रह गया है

एक्सपर्ट का बोलना है कि आंकड़े इस बात को दिखाते हैं कि कैसे जापानी अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता और उत्पादकता खो रही है जापान की उम्रदराज जनसंख्या और बच्चों के कम जन्म की वजह से जनसंख्या में युवा जनसंख्या की संख्या कम हो गई है

2010 में चीन ने छीना था दूसरे नंबर वाला स्थान

चीन ने 2010 में जापान से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का तमगा छीन लिया था तब जापान फिसलकर तीसरे जगह पर आ गया था इंटरनेशन मॉनेटरी फंड ने भी जापान के चौथे जगह पर आने का संभावना व्यक्त किया था जापान की असली जीडीपी पिछले वर्ष कुल 4500 अरब अमेरिकी $ या लगभग 591000 अरब येन थी

जर्मनी ने पिछले महीने ही किया था ऐलान

जर्मनी ने पिछले महीने जीडीपी 4400 अरब अमेरिकी $ या 45000 अरब अमेरिकी $ होने की घोषणा की थी असली जीडीपी पर कैबिनेट कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जापानी अर्थव्यवस्था 0.4 फीसदी की वार्षिक रेट से सिकुड़ गई है जो पिछली तिमाही से शून्य से 0.1 फीसदी कम है

येन की मूल्य गिरने का असर

साल 2023 के लिए असली सकल घरेलू उत्पाद पिछले साल की तुलना में 1.9 फीसदी बढ़ा है जापान और जर्मनी दोनों ने छोटे तथा मझोले आकार के व्यवसायों के जरिए अपनी अर्थव्यवस्था का निर्माण किया जापान के उल्टा जर्मनी ने मजबूत यूरो और मुद्रास्फीति से निपटने के लिए ठोस आर्थिक कदम उठाए कमजोर येन भी जापान के लिए हानि की वजह बना

क्या है इकोनॉमिस्ट का मानना?

तोक्यो यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर तेत्सुजी ओकाजाकी ने बोला कि नवीनतम आंकड़े कमजोर होने की वजह से जापान की अर्थव्यवस्था में आई गिरावट इसके परिणामस्वरूप दुनिया में जापान की उपस्थिति कम होने की आसार है उन्होंने बोला है कि मिसाल के तौर पर कई वर्ष पहले जापान एक ताकतवर मोटर गाड़ी क्षेत्र होने का दावा करता था, लेकिन इलेक्ट्रिक वाहनों के आगमन के साथ वह फायदा भी प्रभावित हुआ

कुछ वर्षों में हिंदुस्तान होगा जापान के आगे

ओकाजाकी ने बोला कि विकसित राष्ट्रों और उभरते राष्ट्रों के बीच अंतर कम हो रहा है कुछ वर्षों में हिंदुस्तान का असली सकल घरेलू उत्पाद में जापान से आगे निकलना निश्चित है

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