भारत बना विदेशी निवेशकों का पसंदीदा निवेश गंतव्य
भारत विदेशी निवेशकों का पसंदीदा निवेश गंतव्य बना हुआ है. आरबीआई (RBI) द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, हिंदुस्तान में आने वाला एफडीआई अक्टूबर में 21 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो अर्थव्यवस्था की मजबूत होती बुनियाद को दर्शाता है.आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में हिंदुस्तान में सही एफडीआई सितंबर के 1.55 अरब $ से बढ़कर 5.9 अरब $ रहा. यह लगातार तीसरा महीना है जब सही एफडीआई में बढ़ोतरी देखी गई है.
इन 5 सेक्टर में सबसे अधिक FDI आया
इक्विटी में पूरे एफडीआई फ्लो का लगभग चार से पांचवां हिस्सा विनिर्माण, खुदरा, ऊर्जा और वित्तीय सेवा क्षेत्र में निवेश किया गया. मॉरीशस, सिंगापुर, साइप्रस और जापान प्रमुख राष्ट्र थे जहां से राष्ट्र में एफडीआई का फ्लो हुआ. हालांकि, चालू वित्त साल की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के आंकड़ों से पता चलता है कि सही एफडीआई फ्लो पिछले साल की समान अवधि के 20.8 बिलियन $ से घटकर 10.4 बिलियन $ रह गया.
दुनिया में सबसे अधिक FDI हिंदुस्तान में आया
इस महीने जारी संयुक्त देश ईएससीएपी आंकड़ों के अनुसार, पूरे विश्व में मंदी के बीच हिंदुस्तान लगातार दूसरे साल 2023 में सबसे अधिक एफडीआई प्राप्त करने वाला राष्ट्र बना हुआ है. एक्सटर्नल कमर्शियल बौरोइंग (ईसीबी) और नॉन-रेसिटेंट डिपोजिट अकाउंट्स के अनुसार सही प्रवाह पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है और बाहरी एफडीआई प्रतिबद्धताओं में भी गिरावट आई है, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई है.
विदेशी मुद्रा भंडार में भी इजाफा
आरबीआई द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, हिंदुस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार पांचवें हफ्ते बढ़कर 15 दिसंबर तक 20 महीने के उच्चतम स्तर 615.97 बिलियन $ पहुंच गया. विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि से आरबीआई को रुपए को स्थिर करने में सहायता मिलती है. आरबीआई रुपए को दबाव में आने से रोकने के लिए अधिक $ जारी कर हाजिर और वायदा मुद्रा बाजारों में हस्तक्षेप करता है. राष्ट्र की विदेशी मुद्रा भंडार में किसी भी तेज गिरावट से आरबीआई के पास रुपए को स्थिर करने के लिए बाजार में हस्तक्षेप करने की गुंजाइश कम हो जाती है