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केंद्र सरकार ने एथनॉल का उत्पादन नहीं करने का दिया निर्देश

केंद्र गवर्नमेंट ने चीनी की कीमतों पर नियंत्रण को लेकर मिलों को गन्ने के रस के जरिये एथनॉल का उत्पादन नहीं करने का निर्देश दिया है इस तरह के एथनॉल का उत्पादन पेट्रोल में मिलाने के लिए किया जाता है हालांकि, चीनी मिलें पेट्रोल में मिश्रण के लिए बी-हेवी शीरे से एथनॉल का उत्पादन जारी रख सकती हैं केंद्र गवर्नमेंट के निर्णय का असर ईंधन के साथ मिश्रण करने के लिए एथनॉल के स्टॉक पर पड़ सकता है

बता दें कि गवर्नमेंट का लक्ष्य पेट्रोल में 20 फीसदी तक एथनॉल मिलाने का रहा है इसके जरिए गवर्नमेंट पेट्रोल के आयात को कम करना चाहती है आयात कम होने की स्थिति में पेट्रोल की कीमतों में भी कटौती होने की आसार रहती है

सरकार के निर्णय की वजह: दरअसल, महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी उत्पादन में गिरावट आई है ऐसे में संभावना है कि आम चुनाव से ठीक पहले चीनी महंगी हो सकती है गवर्नमेंट का फोकस चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले राष्ट्र में पर्याप्त चीनी उपलब्धता पर है भारतीय शुगर मिल्स एसोसिएशन ने पिछले महीने बोला था कि 2023/24 विपणन साल में चीनी उत्पादन 8 फीसदी गिरकर 33.7 मिलियन मीट्रिक टन होने की आसार है

क्या बोला गवर्नमेंट ने
खाद्य मंत्रालय ने सभी चीनी मिलों और डिस्टिलरियों के व्यवस्था निदेशकों (एमडी) और मुख्य कार्यपालक ऑफिसरों (सीईओ) को एक पत्र लिखकर यह निर्देश दिया है खाद्य मंत्रालय ने पत्र में कहा, “चीनी (नियंत्रण) आदेश 1966 के खंड 4 और 5 के अनुसार प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सभी चीनी मिलों और डिस्टिलरीज को निर्देश दिया जाता है कि वे तुरन्त असर से ईएसवाई (एथनॉल आपूर्ति वर्ष) 2023-24 में एथनॉल के लिए गन्ने के रस/चीनी के रस का इस्तेमाल न करें” पत्र के अनुसार, “तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को बी-हेवी शीरे से प्राप्त एथनॉल की आपूर्ति जारी रहेगी

शेयरों में आई गिरावट: इस बीच, गुरुवार को शुगर कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिली श्री रेणुका शुगर, ईआईडी पैरी, बलरामपुर चीनी मिल्स और बजाज हिंदुस्तान शुगर के शेयर क्रमश: 4.16 प्रतिशत, 6.61 प्रतिशत, 6.74 फीसदी और 5.45 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए

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